छत्तीसगढ़,
13/Sep/2022,
महेंद्र बघेल की रिपोर्ट
जांजगीर चांपा,
जैजैपुर सर्कल की लाइन गर्मी का मौसम हो या बरसात का मौसम हो बेवजह मेन्टेन्स के नाम पे अक्सर काट दिया जाता जिसके चलते विद्यर्थियों से लेके आम नागकरिकों का आक्रोश बढ़ रहा है,अधिकारियों के मनमानी से अक्सर जैजैपुर क्षेत्र मे मेन्टेन्स के बहाने बाजी कर ग्रामीण क्षेत्रों का बिजली घंटों तक गुल कर दिया जाता है,ग्रामीणौं का शिकायत है कि बेवजह मेंटेनेंस कार्य के नाम से लाइन को मन मने तरीके से बिजली विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा गुल कर दिया जाता है जबकि बिजली बिल उपभोक्ताओं द्वारा समय अवधि रहते हुए निरंतर भुगतान सही समय पर किया जाता है फिर भी बिजली विभाग के मनमानी के वजह उपभोक्ता परेशान है लाइन कटोती से मिली जानकारियों के अनुसार विद्युत विभाग मेन्टेन्स कार्य के नाम पर घंटों लाइन बंद कर उपभोक्ता से स्टूडेंट्स व प्रतियोगिता परिक्षार्थीयो का समय बर्बाद करने में लगे हुए है ग्रामीणौं का ये भी कहना है कि विद्युत विभाग गर्मी हो या बरसात का मौसम बरसात हो या ना हो लाइन काटने में जरा सा भी चूक नही करते है। गांव के जिमेददार नागरिकों व जन प्रतिनिधियों द्वारा जब विभागिय अधिकारियों से जानकारी ली जाती है तो मेन्टेन्स और ओवर लोड का हवाला दिया जाता है और बताया जाता है की विद्युत सप्लाई कट गया चेक किया जा रहा है कहने की बात जिमेददार अधिकारियों के द्वारा कही जाती है,। पीछे कुछ सालों से जब से नए अधकारी विभाग में आये है तब से विभिन्न अखबारों में जैजैपुर सर्कल का लाइन आएं दिन सुर्खियों में रहा है,परन्तु ग्रामीणौं से सिर्फ बिजली बिल वसूलने के दायित्व विद्युत विभग का है पर बिजली उपभोक्ताओं का समस्याओं का निराकरण करना नही हैं
छत्तीसगढ़,
13/Sep/2022,
महेंद्र बघेल की रिपोर्ट
जांजगीर चांपा,
जैजैपुर वृत क्षेत्र के दर्जनों गांवों में कच्ची महुआ शराब की नदियां बह रही है। जगह-जगह कुटीर उद्योग की भांति कच्ची महुआ शराब बनाने और बेचने का धंधा फलफूल रहा है। एक और जहां इसकी रोकथाम के लिए आबकारी विभाग छोटे-मोटे शराब कोचियाओ पर मनमाने तरीके से बढ़ा चढ़ाकर कार्रवाई कर अपनी पीठ थपथपे हुए शासन प्रशासन का ध्यान अपनी कार्यवाही की ओर आकर्षित करा रही है तो वहीं दूसरी ओर मासिक दर से कमीशन रूपी प्रसाद लेकर बड़े शराब माफियाओं को जैजैपुर आबकारी वृत प्रभारी द्वारा खुलेआम संरक्षण भी दिया जा रहा है, जो जन चर्चा का विषय बना हुआ है। यही कारण है कि जैजैपुर आबकारी वृत्त क्षेत्र के दर्जन से अधिक स्थानों पर कच्ची दारू का उत्पादन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जैजैपुर वृत क्षेत्र के मल्दा, करही, चिस्दा, नरियारा, देवरघटा, गुंजीयाबोड़, जमड़ी, आमगांव, चोरभट्टी, मुक्ता परसाडीह, घोड़ाडिपा, ओडे़केरा, भोथिया, हरदीडीह, खरवानी, बोडसरा सहित दर्जनों गांवों में कच्ची महुआ शराब की फैक्ट्रियां धधक रही हैं इसके साथ ही साथ क्षेत्र में संचालित सभी ढाबों तथा कुछ होटलों में खुलेआम शराब परोसा जा रहा है।उल्लेखनीय है कि जैजैपुर आबकारी वृत्त क्षेत्र इन दिनों अवैध शराब बनाने तथा बिक्री के लिए सुर्ख़ियों में बना हुआ है। उससे कहीं ज्यादा चर्चा का विषय आबकारी वृत्त प्रभारी की कार्यशैली है, जिनके द्वारा क्षेत्र में अवैध महुआ शराब कारोबारियों को कच्ची महुआ शराब बनाने एवं बिक्री के लिए मौखिक लाइसेंस बांटने का अनोखा कार्य किया जा रहा है। जहां तक आबकारी विभाग का काम अवैध शराब निर्माण, भंडारण, परिवहन एवं बिक्री पर रोकथाम करना होता है। मगर जब खुद रक्षक ही भक्षक बनकर अवैध कार्यों से होने वाली मोटी कमाई का भोग करने लगे तो विभागीय मंत्री सहित राज्य सरकार की किरकिरी लाजमी है। ऐसा ही कार्य इन दिनों जैजैपुर क्षेत्र में पदस्थ आबकारी वृत्त प्रभारी द्वारा किया जा रहा है, जो जैजैपुर एवं हसौद क्षेत्र में जन चर्चा का प्रमुख विषय है। पान ठेला से लेकर गली मोहल्ले व होटलों चौक चौराहे पर वृत्त प्रभारी के कार्यशैली की चर्चा आम जनमानस के मुख से सुना जा सकता है। जन चर्चाओं के अनुसार जैजैपुर आबकारी वृत्त प्रभारी द्वारा अवैध शराब निर्माण एवं बिक्री करने वालों थोक विक्रेताओं से मासिक अवैध वसूली किया जा रहा है। जिसमें बड़े शराब कोंचियों द्वारा मासिक दर से 10 से 15 हजार रुपए का चढ़ावा वृत्त प्रभारी को चढ़ाया जा रहा है। जिसके एवज में वृत्त प्रभारी उन्हें खुलेआम शराब निर्माण एवं बिक्री का अनुमति प्रदान कर रहा हैं। हैरत की बात यह है कि इन थोक विक्रेताओं को संरक्षण देने तथा उनके कारोबार को सकुशल बनाए रखने जैजैपुर आबकारी वृत प्रभारी द्वारा इन बड़े विक्रेताओं के दिशा निर्देशन पर चीलहर व छोटे विक्रेताओ के पास छापेमारी किया जाता है और 2 से 4 लीटर महुआ शराब बरामद होने पर उस विक्रेता को गैर जमानती मामला बनाकर जेल भेजने की धमकी देते हुए डरा धमका कर कार्यवाही करने का धौंस दिखाकर 50 से 60 हजार रुपए की अवैध वसूली भी की जाती है। जो चीलहर विक्रेता रुपए देने में सक्षम होते हैं उनके ऊपर जब्ती शराब की मात्रा के आधार पर कार्यवाही किया जाता है तथा जो विक्रेता रुपए देने में असक्षम होते हैं उनके कब्जे से जब्ती कच्ची महुआ शराब की मात्रा को कागजी कार्रवाई में बढ़ाकर गैर जमानती मामला बनाकर जेल भेज दिया जाता है। मजेदार बात यह है कि अवैध वसूली करने के बाद उन शराब कोंचियाें को शराब बेचने के लिए दबाव भी बनाया जाता है जिससे कि मासिक दर से इनसे कमीशन लेकर आबकारी वृत प्रभारी द्वारा मोटी कमाई की जा सके। ऐसा ही कुछ बड़ा मामला जल्द ही प्रकाश में आने वाला है जो आबकारी विभाग की काली करतूतों का पर्दाफाश करेगा।