रतलाम
09/Mar/2024
ब्यूरो चिफ कृष्णकांत मालवीय
सैलाना नगर के शिवालयों पर सुबह से ही शिव भक्तों का आने जाने का सिलसिला शुरू हो गया था। नगर से 5 किलोमीटर दूर अडवानीया के समीप तथा सरवन रोड स्थित केदारेश्वर महादेव मंदिरो पर दिन भर भक्तो की भारी भिड देखी गयी यहां कुंड में स्नान करने के बाद भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। यहा पर रतलाम, धामनोद डेलनपूर, करिया, आम्बा, पिपलोदा,जावरा सरवन शिवगढ सहित कई गांवो से लोग दर्शन करने के लिए आए। उसी तरह नगर के बांसवाडा रोड़ स्थित प्राचीन निल कण्ठेश्वर महादेव मन्दिर पर सुबह से भक्त पूजा अर्चना करने के लिए आते रहें। मंदीर पर डीजे की धून पर थिरकते कई भक्त देखें गयें। यहां पर श्रद्धालुओं को भगवान की प्रसादी मे दुध पिलाया गया । यह किवदंती है भी प्रचलित हैं महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव एवं माता पार्वता का शुभ विवाह हुआ था। जो की भगवान शिव अपने निवास कैलाश पर्वत से भूत-प्रेत, देव- दानव, त्रिदेव, समस्त जीव- मात्रा उन की बारात में शामिल हुए थे। भगवान शिव नंदी पर सवार होकर हिमालय के महाराज हिमावन की पुत्री माता पार्वता के यहां बारात लेकर गए थे। इसी विवाह को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस दिन समस्त महिला, पुरुष, बच्चे, बुजुर्गो ने शिव लिंग पर जलाभिषेक कर दूध, दही, बिल पात्र, टेसू, आंकड़े, धतूरे के पुष्प, नारियल, हार- फूल अर्पीत कर पूजा अर्चना भी की गई इनसे की पूजा अर्चना राठौड़ काम्प्लेक्स के पीछे मंदिर पर भी दिन में 2:00 बजे भगवान भोले नाथ का जलाभिषेक किया गया एवं प्रसाद वितरण की गई कई महिला पुरुष ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर पर भव्य शाही सवारी एवं मनोकामना पूर्ण अभिषेक सम्पन्न प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर देवाधिदेव महादेव देवरी के राजा श्री राजाधिराज भोलेनाथ की भव्य शाही सवारी शीतला माता मंदिर देवी चौक से प्रारंभ हुई जो भाई मोहल्ला, बस स्टैंड, सदर बाजार, पैलेस चौराहा होती हुई नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर पहुंची जहां महा आरती की गई यह यात्रा वापस शीतला माता मंदिर देवरी चोक पर समापन हुआ।