सैलाना नगर में चल रहे,तीन दिवसीय नानीबाई का मायरा का हुआ समापन,कथा वाचक पंडित ललीतजी शास्त्री का किया सम्मान 

सैलाना नगर में चल रहे,तीन दिवसीय नानीबाई का मायरा का हुआ समापन,कथा वाचक पंडित ललीतजी शास्त्री का किया सम्मान 

रतलाम

4/Jun/2024

रतलाम ब्यूरो चीफ कृष्णकांत मालवीय 

इन दिनो रतलाम जिले के सैलाना सकल पाटीदार समाज एवं शीतला माता भक्त मंडल रंगवाड़ी मोहल्ला देवरी चौक की ओर से आयोजित तीन दिवसीय नानी बाई रो मायरो का समापन हुआ। इस अवसर पर कथा स्थल पर कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ भी उमडती नजर आई। कथा वाचक ललीतजी शास्त्री सागाखेड़ा वाले ने कहा कि यह कथा गौमाता, माता पिता, सास ससुर, बड़े बुजुर्गो की सेवा, सहयोग और समर्पण की सीख देती है। कथा में सहयोग की भावना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को जीवित रखना है तो हमें एकजुटता से मिलकर ऐसे धार्मिक आयोजन करना जरूरी है। नरसी मेहता में भगवान के प्रति समर्पण की भावना थी। कथावाच ने नरसी मेहता और श्रीकृष्ण के बीच हुए रोचक संवाद को बहुत ही प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि घर में कितनी भी बहु हों, कोई अपने पीहर से कितना भी लाए, मगर ससुराल के लोगों को कभी भी धन के लिए किसी को प्रताड़ित नहीं करना चाहिए। क्योकि हर किसी की आर्थिक स्थिति एक सी नहीं होती है। उन्होंने कहा कि यदि किसी बहन के भाई नहीं हो या परिवार गरीब हो तो उसका सहयोग करना चाहिए। नानी बाई को मायरो कार्यक्रम के अंतिम दिन भगवान श्रीकृष्ण ने छप्पन करोड़ का मायरा भरा। नरसी भक्त ने भी कड़ी तपस्या कर भगवान को याद किया। उनको आना पड़ा और श्रीकृष्ण ने छप्पन करोड़ का मायरा भी भरा। भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त नरसी मेहता ने जब अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया तब उन्हें भगवान का साक्षात्कार हुआ। इस अवसर पर सकल पंच पाटीदार समाज व पत्रकार कृष्णकांत मालवीय ने पंडित ललित जी शास्त्री का सम्मान किया और कलाकारों का भी सम्मान किया।

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