सैकड़ों कर्मचारी अब तक वेतन से वंचित,कैसे मने खाली जेब उनकी दिवाली
रतलाम- अतिवृष्टि की गाज तो किसानों पर गिरी तो उधर सरकारी खजाने की बदहाली की गाज क्षेत्र के सैकड़ों कर्मचारियों पर टूट कर गिरी प्रतीत हो रही हैं। दिवाली बिल्कुल सिर पर हैं और कई कर्मचारियों को अभी तक पिछले महीने का वेतन ही नहीं मिला है। सबसे ज्यादा पीड़ित इस व्यवस्था में छोटे कर्मचारी हो रहे हैं जिन्हें तक तीन माह से ही वेतन नहीं मिल पाया। खाली जेब वाली दीवाली दरअसल सब तरफ मायूसी ही फैला रही है।
सैकड़ों रसोइए भी त्रस्त-
सर्वशिक्षा अभियान के तहत प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे सैलाना क्षेत्र के बीआरसी,बीएसी, जनशिक्षक सहित सैकड़ों कर्मचारी गत माह के वेतन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ये मामला केवल सैलाना क्षेत्र का ही नहीं हैं, बल्कि पूरे जिले का हैं। जिले के हर विकासखंड में 20 जनशिक्षक, चार या पांच बीएसी, एक बीआरसी सहित जिले में लगभग 150 कर्मचारी और सैलाना क्षेत्र में 30 से ज्यादा कर्मचारी इस व्यवस्था का त्रास भोग रहे हैं। खाली जेब और निकट ही सबसे बड़ा त्यौहार।
ये कर्मचारी पीड़ित-
उधर बड़े कर्मचारियों के हाऊस लोन, पर्सनेल लोन, कार लोन,lic kisht ड्यू चल रही है उनको वेतन की इस लेट लतीफी के कारण पेनेल्टी भरना पड़ रही है।
उन्हें पेनेल्टी भरना पड़ रही-
ऐसा भी नहीं हैं कि इस व्यवस्था से केवल बड़े कर्मचारी ही दुखी है।दरअसल एक हजार के लगभग रसोइए और परेशान हैं। पहले ही उन्हें बहुत ही मामूली मानदेय मिलता हैं, सिर्फ चार हजार रुपए। और वो भी बीते तीन माह से नहीं मिले। सैलाना क्षेत्र में 200 के आसपास रसोइए होंगे।जिले में एक हजार। एक विद्यालय में न्यूनतम दो से चार रसोइए होते हैं।
डी पी सी राजेश झा का कहना हैं कि वेतन का मामला प्रक्रिया में है। जल्दी ही वेतन जमा हो जाएगा। जहां तक रसोइए के मानदेय का सवाल है वो जिला पंचायत से होता हैं इसलिए उस मामले में कुछ नहीं कह सकता।
कुंडा सरपंच को बताई अपनी व्यथा-
उधर रतलाम जिले के सैलाना आदिवासी क्षैत्र के ग्राम पंचायत कुंडा में कल रसोईयों ने सरपंच को अपनी व्यथा सुनाई और ज्ञापन दे कर मानदेय दिलाने में मदद करने का अनुरोध किया। सरपंच ने जिला पंचायत अधिकारियों से चर्चा कर मानदेय दिलाने का भरोसा दिया।