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संविधान महिलाओं के लिए सपनों की उड़ान- डा.अरविन्द कुमार जगदेव देखिए पूरी खबर,

बिलासपुर (छत्तीसगढ़), 

28/Nov/2023,

रवि कुमार खटर्जी संभाग ब्यूरो रिपोर्ट,

हसौद:–उक्त उद्गार भारतीय संविधान दिवस समारोह के अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ शिक्षाविद एवम सामाजिक चिंतक प्रो.डा. अरविन्द कुमार जगदेव ने कही। 26 नवंबर 2023 को भारतीय संविधान दिवस हसौद के सतनाम भवन परिसर, तहसील चौक में आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ आगंतुक अतिथियों द्वारा बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के छायाचित्र में माल्यार्पण पश्चात उपस्थित जन समुदाय द्वारा संविधान की प्रस्तावना वाचन कर किया गया। कार्यक्रम के शुरुआती पलों में लोक गायक हरि प्रेमी एवं साथियों द्वारा भारतीय संविधान एवं बाबा साहब के विचारों से संबद्ध सांस्कृतिक कार्यक्रम पेशकर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के मध्य में कु.सिमरन शांते द्वारा भीमराव की बेटी गीत पर एकल नृत्य एवं गुरु घासीदास संगीत महाविद्यालय हसौद के आचार्य नाथूराम भारद्वाज के द्वारा भारतीय संविधान से संबद्ध गीत प्रस्तुत किया गया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता प्रो. मनहरण अनंत ने कहा कि -” क्रिप्स मिशन जब भारत आया जिसमें भारत के संविधान सभा का गठन और स्वतंत्रता पश्चात देश को चलाने के लिए एक संविधान निर्माण की बात की गई थी। संविधान सभा के सदस्यों में बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर को नहीं लिए जाने से अंग्रेज नाराज थे। उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहब कानून के जानकार होने के साथ एक प्रख्यात अर्थशास्त्री भी थे, उनके ही प्रयास से भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना, भाखड़ा नांगल डेम जैसे कई बहुद्देशीय परियोजना और अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं का सूत्रपात हुआ। विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित प्रो. भुवनेश्वर पाटले ने अपने वक्तव्य मे सरदार वल्लभ भाई के कथन को कोट करते हुए बताया कि ” मैं एक किसान हुं और कौन सा बीज कैसी फसल देगी ये मुझे अच्छी तरह से पता है, इसलिए बाबा साहब के अतिरिक्त भारत का संविधान कोई दूसरा नहीं बना सकता। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ शिक्षाविद प्रो. डा.अरविन्द कुमार जगदेव ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि -” भारत भूमि में समय-समय पर जन्में सभी समानतावादी, मानवतावादी संतों, गुरुओं, महापुरुषों के विचार हमारे इस पवित्र संविधान में दिखाई पड़ते है। भारत का संविधान दुनिया के सभी लिखित संविधानों में श्रेष्ठ माना गया है, यह संविधान मात्र नियम कानून का पुलिंदा नहीं है यह बहुसंख्य जनता की जीवन शैली है। यदि इसके उपबंधों में जरा भी छेड़छाड़ हुआ तो एससी, एसटी, ओबीसी, माइनॉरिटी जैसे संवैधानिक समाज की दशा और दिशा में भारी असर पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहब ने संविधान में देश की आधी आबादी कहलाने वाले महिलाओं के उत्थान के लिए अनेक प्रावधान किए हैं, जिसके बदौलत ही आज हमारी बेटियां बस, ट्रेन, हवाई जहाज तक चला रही हैं, अंतरिक्ष का सफर तय कर पा रहीं हैं। भारतीय महिला चाहे वह किसी भी वर्ग,जाति, समुदाय से ताल्लुक रखती हों, उनके सपनों को उड़ान बाबा साहब ने ही दिया है। भारतीय महिलाओं के लिए बाबा साहब सच्चे मसीहा साबित हुए हैं। कार्यक्रम को अ.जा. आयोग के सदस्य पप्पू बघेल व भारतीय संविधान प्रचारिणी सभा के सदस्य व शिक्षक सुनील कुमार भारद्वाज ने भी संबोधित किया कार्यक्रम का सफल संचालन सहायक शिक्षक श्री बी के धीरहे ने तथा आभार प्रदर्शन सामाजिक चिंतक एवं समाजसेवी कमल भार्गव ने किया। इस अवसर पर बीरबल प्रसाद सोनवानी, सुरेंद्र भार्गव, विजय निराला, दादूराम सोनवानी पुनीराम भार्गव, मोहरसाय सोना, झमेंद भार्गव, मोहन धीरहे, रामनारायण भार्गव, नर्मदा बर्मन, डॉ. सुरेश मनहर, अजय भारद्वाज, मिथुन जाटवर, अनुज खूंटे, नील कुमार, मोहन भास्कर रामकुमार बंजारे, दिलेश्वर बंजारे, शिवचरण ज्वाला, रोशन भारती, राजा रात्रे, संदीप मधुकर, महेंद्र खूंटे, अर्जुन बर्मन, अभिषेक कश्यप, रितेश साहू, लूटुराम रात्रे, अमरनाथ शांते, योगेश भारद्वाज, संतोष भार्गव, गोपी भार्गव, विक्रम बंजारे, अक्षय भारद्वाज, प्यारेलाल भारद्वाज, योगेंद्र बर्मन, डॉ.दुर्गा प्रसाद गबेल, सूरज दिवाकर, राधिका साहू, सावित्री रात्रे, नीरा बंजारे, संगीता भार्गव, निर्मला महेश, कमला भार्गव, लता धिरहे, सुखबाई शांते, यशो भार्गव, रतन सोनवानी, अंजलि भार्गव, अनिता धिरहे, सरोज निराला, दिलबाई भार्गव, रश्मि जाटवर, देवराज बंजारे, सूरज जांगड़े, विजेंद्र जाटवर, धर्म विजय रात्रे, धनेश्वर भारद्वाज, अजय रात्रे, अमरपाल खटर्जी, जैनिश रात्रे सहित भारी संख्या में हसौद परिक्षेत्र के अंबेडकर विचारक एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।

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