रतलाम,
02/Dec/2024,
जिला सड़क सुरक्षा समिति के लिए सोमवार को बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर राजेश बाथम की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में आयोजित उक्त बैठक में यातायात सुधार एवं सड़क सुरक्षा के संबंध में कई निर्णय लिए गए। बैठक में पुलिस अधीक्षक अमित कुमार, सीईओ जिला पंचायत श्री श्रृंगार श्रीवास्तव, एडीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, एसडीएम श्री अनिल भाना, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग अनुरागसिंह, जिला परिवहन अधिकारी श्री दीपक माझी, डीसीपी ट्रैफिक श्री अनिल राय, एमपी आरडीसी के श्री अतुल मूले आदि अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर राजेश बाथम ने निर्देश दिए कि जिले में जहां भी ब्लैक स्पॉट है, जहां ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं वहां पर संबंधित विभागों की सामूहिक टीम जाकर निरीक्षण करके निराकरण के लिए कार्य योजना तैयार करेगी। रतलाम शहर में नो एंट्री कार्य योजना बनाने के भी निर्देश दिए गए। मांगरोल फंटा तथा रतलाम शहर में विधायक सभागृह के सामने मीडियम कट बनाने के लिए निर्देशित किया गया। एमपीआरडीसी के अधिकारी को निर्देशित किया गया कि उनकी सड़क पर जहां भी अतिक्रमण बचे हुए हैं, तत्काल हटवाया जाए तथा रोड नवीनीकरण के कार्य को तेजी से पूर्ण करें। जावरा चौपाटी तथा भीमाखेड़ी फन्टे पर ब्लैक स्पॉट का स्थाई निराकरण करने तथा जावरा रेलवे ओवर ब्रिज के कनफ्लिक्ट पॉइंट के लिए प्लान तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया। रतलाम शहर में पार्किंग व्यवस्था पर भी विचार विमर्श किया गया। शहर के नजदीक बाजेड़ा फंटे पर सड़क पर स्पीड ब्रेकर के लिए पीएमजीएसवाई के अधिकारी को निर्देशित किया गया। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले में कहीं भी दुर्घटना होने पर तत्काल पहुंचने के लिए टीम तैयार की जाए, जो फौरन एक्शन लेगी।
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने निर्देशित किया कि शहर में ओवर स्पीड पर नियंत्रण के लिए जिगजेग लगाए जाएं। इसी प्रकार हाईवे पर इंटरसेप्टर तैनात की जाए। बैठक में तय किया गया कि रतलाम शहर में सार्वजनिक परिवहन सेवा के वाहनों के रूट नए सिरे से डिसाइड किए जाएंगे। मैजिक आदि वाहनों पर उनके रूट नंबर भी डाले जाएंगे। बैठक में कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया कि पीड़ित प्रतिकर राशि के अंतर्गत दुर्घटना प्रकरण का समय सीमा में निराकरण सुनिश्चित किया जाए।
रतलाम,
02/Dec/2024,
शासन की वृंदावन ग्राम योजना अंतर्गत जिले के प्रत्येक विकासखंड में एक-एक ग्राम को वृंदावन ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। इस संबंध में कार्य योजना तैयार करने के लिए कलेक्टर श्री राजेश बाथम की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री श्रृंगार श्रीवास्तव ने योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की। बैठक में अपर कलेक्टर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, उपसंचालक पशु चिकित्सा डॉ. नवीन शुक्ला, संचालक उद्यानिकी श्री त्रिलोकचंद वास्कले आदि अधिकारी उपस्थित थे बताया गया कि वृंदावन ग्राम योजना अंतर्गत जो ग्राम चयनित किया जाएगा उसकी आबादी कम से कम 2000 होना चाहिए। उस गांव में कम से कम 500 गोवंश हो, गांव में पर्याप्त मात्रा में गोवंश के लिए चारा-भूसा, जल आपूर्ति की व्यवस्था हो। गांव शहर के समीप होना चाहिए, ग्राम पंचायत सक्रिय होना चाहिए। बताया गया कि योजना के उद्देश्यों में पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य लाभ, पारंपरिक कृषि में सुधार, आर्थिक सशक्तिकरण भी सम्मिलित है योजना अंतर्गत जिले के विभिन्न ग्रामों को शामिल करने के लिए विचार किया गया जिनमें बिरमावल, सुखेड़ा, बांगरोद, सागोद, रिंगनोद, कुआंझागर आदि सम्मिलित है। कलेक्टर श्री राजेश बाथम ने वृंदावन ग्राम योजना को अंतिम रूप देने के लिए सभी संबंधित विभागों को अपनी-अपनी कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
रतलाम,
02/Dec/2024,
विश्व दिव्यांग दिवस पर दिव्यांग व्यक्तियों के सामर्थ्य प्रदर्शन हेतु जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं फन फेयर का आयोजन 3 दिसम्बर को प्रातः 10.30 से सायं 5.00 बजे तक नेहरू स्टेडियम पोलोग्राउण्ड रतलाम पर किया जाएगा। उपसंचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा बताया गया कि 3 दिसम्बर को प्रातः 9.30 से 10.30 तक दिव्यांगों का पंजीयन किया जाएगा। 10.30 से 1.00 बजे तक खेलकूद प्रतियोगिता, दोपहर 2.00 बजे से स्टाल एवं फन फेयर, दोपहर 3.00 से 4.30 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा 4.30 से 5.00 बजे पुरस्कार वितरण कार्यक्रम आयोजित किए जाएगा।
रतलाम,
02/Dec/2024,
गेंहू फसल में संतुलित मात्रा में उर्वरक का उपयोग करने के लिये डीएपी के स्थान पर एनपीके उर्वरक सबसे अच्छा विकल्प है। बाजार में एनपीके विभिन्न विकल्प 12:32:16, 10:26:26 एवं 16:16:16 के साथ 20:20:00:13 के नाम से उपलब्ध है किसान भाई बुआई के समय एनपीके से फसलो में संतुलित मात्रा में पोशक तत्व आधार रूप से पौधों को उपलब्ध हो जाते है। इसके उपयोग से अलग से अन्य उर्वरक की मात्रा देने की आवश्यकता नहीं होती है। संतुलित उर्वरक के उपयोग से उत्पादन लागत में कमी होती है और साथ की उत्पादकता में वृद्धि होती है। किसान भाई डीएपी उर्वरक के स्थान पर एनपीके उर्वरक का उपयोग करें। भारत सरकार द्वारा मिट्टी का स्वास्थ्य अच्छा रहे एवं वातावरण प्रदूषित न हों को ध्यान में रखकर नेनो यूरिया एवं नेनो डीएपी की सलाह दी जाती है इसके लिये किसान भाईयो को यह भी सलाह है कि गेहूं फसल में दूसरी एवं तिसरी सिंचाई में दानेदार यूरिया के स्थान पर नैनो यूरिया (तरल) का उपयोग करें। इससे कृषि में लागत भी कम होगी और उत्पादन में अपेक्षाकृत वृद्धि होगी।उप संचालक कृषि श्रीमती नीलम सिंह चौहान द्वारा अवगत कराया गया कि जिलें में यूरिया 4498 मेट्रिक टन, डीएपी 2540 मेट्रिक टन एवं काम्प्लेक्स 1939 मेट्रिक टन की उपलब्धता है। अतः किसान भाई संतुलित उर्वरको का उपयोग करें।
सूचना पत्र जारी
जिले में गठित दल द्वारा सतत निरीक्षण किए जा रहे है, उर्वरक फर्म मेसर्स अमित ट्रेडर्स, रतलाम, मेसर्स माहवीर एग्रो एजेंसी, रतलाम तथा मेसर्स कमलेश कुमार नंदकिशोर राठौर बाजना को निरीक्षण में पाई गई अनियमितता पर उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया।