प्रचार रथ के माध्यम से विभिन्न ग्राम पंचायतों में दी जा रही योजनाओं की जानकारी, जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा हेतु प्रवेश पत्र जारी, खाद्य एवम औषधि प्रशासन अधिकारियों द्वारा खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए, फलदार पौधों की नीलामी 20 अप्रैल को, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय रोजगार मेले को संबोधित किया,

रतलाम,

 14/Apr/2023

राज्य शासन की तीन वर्ष की उपलब्धियों और विभिन्न योजनाओं पर केन्द्रित प्रचार रथ द्वारा प्रदेश शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं, नीतियों एवं निर्णयों की जानकारी आमजन को देकर योजना का लाभ दिलाने के उद्देश्य से जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रचार रथ के माध्यम से दी जा रही है। जनपद पंचायत जावरा के जावरा, मरमिया, असावती, कामलिया, भीमाखेडी, मुण्डलाराम, मीनाखेडा, भैंसाना, रिछाचांदा तथा परवलिया सहित अन्य ग्रामों में वीडियों के माध्यम से मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के प्रचार गीत, मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना पर केन्द्रित मुख्यमंत्री जी का सन्देश, तीन वर्ष की उपलब्धियों पर आधारित लघु फिल्म, अंकुर अभियान पर केन्द्रित वीडियों स्पाट, सीएम राइज स्कूल पर वीडियों तथा पेसा नियमों पर आधारित वीडियो आमजन को दिखाया जा रहा है।

रतलाम,

 14/Apr/2023

जवाहर नवोदय विद्यालय आलोट की सत्र 2023-24 के लिए कक्षा छठवीं में प्रवेश लेने हेतु आयोजित होने वाली जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा के प्रवेश पत्र नवोदय विद्यालय समिति की वेबसाइट https://cbseitems.rcil.gov.in/ nvs/AdminCard/AdminCard से डाउनलोड कर सकते हैं प्राचार्य ने बताया कि जिन अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र प्राप्त करने में किसी भी तरह की समस्या होने पर जवाहर नवोदय विद्यालय आलोट के कार्यालयीन समय में सम्पर्क कर सकते हैं। प्रवेश पत्र प्राप्त करने के बाद प्रवेश पत्र में अंकित परीक्षा केन्द्र पर 29 अप्रैल को प्रातः 10.30 बजे तक पहुंचना अनिवार्य है। जवाहर नरोदय विद्यालय आलोट के कुल 2776 प्रवेश पत्र जारी किए गए है, जिसमें आलोट के 936, बाजना के 907 एवं जावरा के 933 प्रवेश पत्र जारी किए गए हैं उक्त परीक्षा के प्रवेश पत्र विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से खण्ड स्त्रोत समन्वयक कार्यालय आलोट, बाजना एरं जावरा को भी आनलाईन प्रदान कर दिए गए हैं एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी आलोट, बाजना, जावरा के मार्गदर्शन में जनशिक्षकों के माध्यम से प्रवेश पत्र संबंधित आवेदकों के विद्यालय तक पहुंचाने के निर्देश प्रदान किए गए हैं। चयन परीक्षा आलोट के 2, बाजना के 3 तथा जावरा 3 परीक्षा केन्द्रों पर सम्पन्न होगी।

रतलाम,

 14/Apr/2023

कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी के निर्देशन में  खाद्य एवम औषधि प्रशासन के   खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा मिलावट के विरूद्ध लगातर कार्यवाही की जा रही है। गुरूवार को भी रतलाम शहर सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर विभिन्न खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए अधिकारियों ने माणकचौक स्थित मित्तल किराना से गौरव सोयाबीन तेल, शहर सराय स्थित राधे दूध डेयरी से खुला घी, भुट्टा बाजार स्थित न्यू नूरानी किराना से बेसन और चायपत्ती, धानमंडी स्थित छाजेड़ ट्रेडर्स से डाबर शहद के नमूने लिए गए। इसी प्रकार कमलकुमार जेठानन्द ढोढर से नखराली माउथ फ्रेशनर, अरिहंत किराना ढोढर से प्रकाश टोस्ट एवम् श्रीमूल घी, विनायक जनरल स्टोर ढोढर से घी के नमूने लिए गए। दल द्वारा बाजना में मूणत किराना बाजना से रतन सोयाबीन तेल, अग्रवाल किराना से अरिहंत मिल्क पाउडर, सकून किराना से आदित्य सूजी, नवदर्शन किराना से वाघ बकरी चायपत्ती के नमूने लिए गए लिए गए सभी नमूने राज्य खाद्य प्रयोगशला भोपाल भेजे गए जहा से जांच रिपोर्ट आने पर खाद्य सुरक्षा एवम् मानक अधिनियम 2006 के अन्तर्गत नियमनुसार कार्यवाही की जाएंगी। सभी संस्थानों को स्वच्छता बनाए रखने एवम् गुणवत्तायुक्त खाद्य पदार्थों के निर्माण संग्रहण एवं विक्रय करने के निर्देश दिए गए। कार्यवाही खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री कमलेश जमरा, ज्योती बघेल एवम् प्रीति मंडोरिया द्वारा की गई। इसी प्रकार की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी,

रतलाम,

 14/Apr/2023

शासकीय संजय निकुंज शिवगढ (भेडली) विकासखण्ड सैलाना पर आम के फलबहार पौधों की नीलामी 20 अप्रैल को दोपहरर 2.00 बजे रखी गई है। उपसंचालक उद्यान श्री त्रिलोकचंद वास्कले ने बताया कि इच्छुक फलबहार क्रेता नीलामी की शर्तें एवं जानकारी शासकीय संजय निकुंज (भेडली) के प्रभारी श्री गुलाबसिंह खराडी मो.नं. 9753622986 से प्राप्त कर सकते हैं

रतलाम,

 14/Apr/2023

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय रोजगार मेले को संबोधित किया। उन्होंने विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नवनियुक्त कर्मियों को लगभग 71 हजार नियुक्ति पत्र वितरित किए। देश भर से चुने गए नवनियुक्त कर्मियों को भारत सरकार के तहत ट्रेन मैनेजर, स्टेशन मास्टर, वरिष्ठ वाणिज्यिक लिपिक सह टिकट लिपिक, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, कांस्टेबल, स्टेनोग्राफर, कनिष्ठ लेखापाल, डाक सहायक, इनकम टैक्स इंस्पेक्टर, टैक्स सहायक, सीनियर ड्राफ्ट्समैन, जेई, सुपरवाइजर, सहायक प्रोफेसर, शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष, नर्स, परिवीक्षा अधिकारी, पीए, एमटीएस और अन्य जैसे पदों पर कार्य करने के लिए शामिल किया जाएगा। नवनियुक्त कर्मियों को ‘कर्मयोगी प्रारंभ’ के माध्यम से स्वयं को प्रशिक्षित करने का अवसर भी मिलेगा, जो विभिन्न सरकारी विभागों में सभी नवनियुक्त कर्मियों के लिए एक ऑनलाइन उन्मुखीकरण पाठ्यक्रम है। प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान 45 स्थानों को मेले से जोड़ा गया। इस दौरान रतलाम में केन्द्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री डा. विरेन्द्र कुमार मुख्य अतिथि के रुप में कार्यक्रम में सम्मिलित हुए सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने बैसाखी के शुभ अवसर पर देश को बधाई दी। उन्होंने नियुक्ति पत्र मिलने पर अभ्यर्थियों व उनके परिजनों को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार, एक विकसित भारत के संकल्प की प्राप्ति के लिए युवाओं की प्रतिभा और ऊर्जा को सही अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एनडीए शासित राज्यों में, गुजरात से लेकर असम और उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक, सरकारी भर्ती की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है। उन्होंने कहा कि कल ही मध्य प्रदेश में 22 हजार से अधिक शिक्षकों को भर्ती पत्र सौंपे गए हैं। “यह रोज़गार मेला देश के युवाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है यह देखते हुए कि भारत, विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, प्रधानमंत्री ने कहा कि मंदी और महामारी की वैश्विक चुनौतियों के बीच दुनिया भारत को एक उज्ज्वल स्थान के रूप में देख रही है। उन्होंने कहा, “आज का नया भारत उन नीतियों और रणनीतियों के साथ आगे बढ़ रहा है, जिन्होंने नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं।“ उन्होंने कहा कि 2014 के बाद भारत ने एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है, जो पहले के समय के प्रतिक्रिया आधारित दृष्टिकोण के विपरीत है। “इसका परिणाम यह हुआ है कि 21वीं सदी का यह तीसरा दशक रोज़गार और स्व-रोज़गार के उन अवसरों का गवाह बन रहा है, जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। युवाओं को काम करने के ऐसे क्षेत्र मिल रहे हैं, जो दस साल पहले अस्तित्व में ही नहीं थे।“ स्टार्टअप्स और भारतीय युवाओं के उत्साह का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने एक रिपोर्ट का उल्लेख किया जिसमें कहा गया था कि स्टार्टअप्स ने रोजगार के 40 लाख से अधिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष अवसर सृजित किए हैं। उन्होंने रोजगार के नए अवसरों के रूप में ड्रोन और खेल क्षेत्र का भी उल्लेख किया प्रधानमंत्री ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत अभियान की सोच और दृष्टिकोण स्वदेशी अपनाने और स्थानीय उत्पाद पर जोर (‘वोकल फॉर लोकल’) देने से भी आगे की बात है। आत्मनिर्भर भारत अभियान गांवों से शहरों तक रोजगार के करोड़ों अवसर पैदा करने का अभियान है। उन्होंने स्वदेशी रूप से निर्मित आधुनिक उपग्रहों और अर्ध-उच्च-गति की ट्रेनों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 8-9 वर्षों में भारत में 30000 से अधिक एलएचबी कोच का निर्माण किया गया है। इन कोचों के लिए प्रौद्योगिकी और कच्चे माल की जरूरत ने भारत में रोजगार के हजारों अवसर सृजित किए हैं।भारत के खिलौना उद्योग का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत के बच्चे दशकों से केवल आयातित खिलौनों के साथ खेलते रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि खिलौने न तो अच्छी गुणवत्ता के थे और न ही उन्हें भारतीय बच्चों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने आयातित खिलौनों की गुणवत्ता के मानदंड तय किए और स्वदेशी खिलौना उद्योग को भी बढ़ावा देना शुरू किया। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इसके परिणामस्वरूप, भारत में खिलौना उद्योग का परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया है और इसने रोजगार के अवसरों को पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है दशकों से प्रचलित इस पुरानी मानसिकता का खंडन करते हुए कि भारत में रक्षा उपकरण केवल आयात ही किए जा सकते हैं, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार ने स्वदेशी निर्माताओं पर भरोसा करके इस दृष्टिकोण को बदल दिया है। इसके परिणामस्वरूप सशस्त्र बलों ने 300 से अधिक ऐसे उपकरणों और हथियारों की एक सूची बनाई है जिनका निर्माण केवल भारत में ही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 15,000 करोड़ रुपये मूल्य के रक्षा उपकरणों का निर्यात दुनिया भर में किया जा रहा है श्री मोदी ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान मोबाइल फोन के निर्माण के क्षेत्र में हुई प्रगति का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि स्थानीय मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देकर और उसके लिए प्रोत्साहन देकर भारत ने काफी मात्रा में विदेशी मुद्रा की बचत की है क्योंकि भारत अब स्थानीय मांग को पूरा करने के साथ-साथ मोबाइल हैंडसेट का निर्यात भी कर रहा है प्रधानमंत्री ने रोजगार सृजन के मामले में बुनियादी ढांचे में निवेश की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय पर जोर दिए जाने के कारण सड़क, रेलवे, बंदरगाह और भवन जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण हो रहा है। बुनियादी ढांचा क्षेत्र की रोजगार क्षमता पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान पूंजीगत व्यय में चार गुना बढ़ोतरी हुई है वर्ष 2014 से पहले और बाद के घटनाक्रमों का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने भारतीय रेलवे का उल्लेख किया और यह बताया कि 2014 से पहले के सात दशकों के दौरान जहां केवल 20,000 किलोमीटर रेल लाइनों का ही विद्युतीकरण हुआ था, वहीं पिछले 9 सालों के दौरान 40,000 किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मेट्रो रेल लाइन बिछाने का काम 2014 से पहले 600 मीटर प्रति माह था जो आज बढ़कर 6 किलोमीटर प्रति माह हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि 2014 से पहले गैस नेटवर्क देश के 70 से कम जिलों तक ही सीमित था, लेकिन आज यह नेटवर्क 630 जिलों तक पहुंच गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की लंबाई के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद इसमें 4 लाख किलोमीटर से 7 लाख किलोमीटर की वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा, “जब गांवों तक सड़कें पहुंचती हैं, तो इससे पूरे इकोसिस्टम में तेजी से रोजगार का सृजन होता है। विमानन क्षेत्र के बारे में बोलते हुए, श्री मोदी ने बताया कि 2014 में हवाई अड्डों की संख्या सिर्फ 74 थी जो आज बढ़कर 148 हो गई है। उन्होंने हवाई अड्डे के संचालन में निहित रोजगार सृजन की क्षमता की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने एयर इंडिया द्वारा विमानों के लिए रिकॉर्ड ऑर्डर दिए जाने और कुछ अन्य कंपनियों की इसी तरह की योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पोर्ट सेक्टर में भी इसी तरह की प्रगति देखी जा रही है क्योंकि कार्गो हैंडलिंग की क्षमता पहले की तुलना में दोगुनी हो गई है और इसमें लगने वाला समय आधा हो गया है। इस प्रकार के विकास से बड़ी संख्या में रोजगार सृजित हो रहे हैं स्वास्थ्य क्षेत्र के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले जहां देश में 400 से कम मेडिकल कॉलेज थे, वहीं आज 660 मेडिकल कॉलेज हैं। इसी तरह, 2014 में स्नातक स्तर की मेडिकल सीटों की संख्या 50 हजार थी जो आज बढ़कर एक लाख से अधिक हो गई हैं और आज स्नातक होने वाले डॉक्टरों की संख्या दोगुनी से भी अधिक हो गई है।प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में एफपीओ और एसएचजी को लाखों करोड़ रुपये की सहायता मिल रही है, भंडारण क्षमता बढ़ाई जा रह%

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