पेम्पलेट, पोस्टर निर्वाचन कार्यालय में जमा न करने पर निर्वाचन आयोग के नियमों के तहत होगी कार्यवाही- विधानसभा निर्वाचन के दौरान पेड न्यूज़ पर सख्त निगरानी रखी जाएगी

रतलाम

01 /Oct./2023

आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शान्तिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिये कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी  की उपस्थित में रविवार को प्रिन्टर्स का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में जिला निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिये कि अभ्यर्थी किसी भी प्रकार के पैम्पलेट, पोस्टर मुद्रालय में छपवाता है, तो उससे निर्धारित प्रारूप पर हस्ताक्षर लें जिसमें दो गवाह भी होने चाहिये। इस प्रकार के नियम निर्देश अपनी प्रिन्टिंग प्रेस के बाहर चस्पा करायें, जिस पैम्पलेट, पोस्टर को छापते है, तो उसकी चार प्रतियां कवरिंग लेटर के साथ अपने रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी अपर कलेक्टर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे। प्रशिक्षण राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स डॉ. सुरेश कटारिया तथा डॉ. रियाज मंसूरी द्वारा दिया गया। जिले के मुद्रणालयों के मालिक मौजूद थे। इस प्रशिक्षण में अनुपस्थित प्रिंटर्स के विरुद्ध कलेक्टर ने शो काज नोटिस जारी करते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बताया कि निर्वाचन पैम्पलेटों, पोस्टरों आदि का मुद्रण एवं प्रकाशन लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 127ए के उपबन्धों द्वारा विनियमित किया जाता हैं। धारा 127ए पैम्पलेट, पोस्टरों आदि के मुद्रण पर प्रतिबन्ध है। कोई व्यक्ति किसी ऐसे निर्वाचन पैम्पलेट अथवा पोस्टर का मुद्रण या प्रकाशन नहीं करेगा अथवा मुद्रित या प्रकाशित नहीं करवायेगा, जिसके मुख्य पृष्ठ पर मुद्रक एवं उसके प्रकाशक का नाम व पता न लिखा हो। कोई व्यक्ति किसी निर्वाचन पैम्पलेट अथवा पोस्टर का मुद्रण नहीं करेगा या मुद्रित नहीं करवाएगा। जब तक कि प्रकाशक की पहचान की घोषणा उनके द्वारा हस्ताक्षरित तथा दो व्यक्ति जो उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हो, द्वारा सत्यापित न हो तथा जिसे उनके द्वारा डुप्लीकेट में मुद्रक को न दे दिया जाये तथा जब तक कि दस्तावेज के मुद्रण पश्चात् उचित समय पर मुद्रक द्वारा दस्तावेज की चार प्रतियों के साथ घोषणा की एक प्रति न भेजी जाएं, जहाँ यह उस राज्य की राजधानी में मुद्रित हुआ है, उसके सीईओ को । किसी अन्य मामले में, जिले के डीएम को जहाँ यह मुद्रित हुआ है। इस भाग के प्रयोजनार्थ : (क) हाथ में लिखी गई प्रतियों के अलावा दस्तावेज की प्रतियों की संख्या बढ़ाने के लिए किसी प्रक्रिया को मुद्रण समझा जायेगा तथा वाक्यांश “मुद्रक“ को तदनुरूप समझा जाएगा, तथा (ख) निर्वाचन पैम्पलेट अथवा पोस्टर से तात्पर्य है अभ्यर्थी अथवा अभ्यर्थी के समूह के निर्वाचन के प्रचार या पूर्वाग्रह के उद्देश्य से वितरित किए गए हैण्ड बिल अथवा दस्तावेज या कोई इश्तहार जो निर्वाचन के सन्दर्भ में हो। परन्तुः- केवल निर्वाचन एजेण्टो अथवा कार्यकर्ताओं के लिए निर्वाचन अथवा नेमी- अनुदेशों की तिथि, समय, तथा अन्य विवरण की घोषणा से जुड़े कोई हैण्ड बिल, विज्ञापन अथवा पोस्टर में शामिल न हो । कोई व्यक्ति जो उपधारा (1) अथवा उपधारा (2) के किसी भी उपबन्ध का उल्लंघन करता है, वह 6 महीने तक कारावास अथवा जुर्माना जिसे दो हजार रुपये तक बढ़ाया जा सकता है अथवा दोनों से दण्डनीय होगा। (क) मुद्रक तथा प्रकाशक पर उक्त प्रतिबंध का उद्देश्य यह है कि यदि धर्म, वंश, जाति, समुदाय या भाषा या विरोधी के चरित्र हनन इत्यादि के आधार पर अपील जैसे मामले शामिल हो तो सम्बंधित व्यक्तियों विरुद्ध आवश्यक दण्डात्मक या निरोधक कार्यवाही की जा सकती है। ये प्रतिबन्ध दलो अभ्यर्थियों तथा उनके समर्थको द्वारा निर्वाचन पैम्पलेटो, पोस्टरों इत्यादि के मुद्रण एवं प्रकाशन पर हुए अनधिकृत निर्वाचन व्ययों पर रोक लगाने के उद्देश्य में भी सहायक होते है । आयोग द्वारा सभी राजनीतिक दलों, अभ्यर्थियों तथा अन्य सम्बंधितों को चेतावनी देता है कि उपर्युक्त विषय पर आयोग के निदेशों तथा कानून के उल्लंघन को अत्यधिक गंभीरता से लिया जाएगा तथा उल्लंघनकर्ताओं के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।  यदि कानून के उपर्युक्त प्रावधानों तथा आयोग के निर्देशों के प्रवर्तन के लिए जिम्मेदारी अधिकारी इस सम्बन्ध में अपने कार्यों के निष्पादन में असफल पाया जाता है तो उनके विरुद्ध पदीय कर्तव्य भंग करने के लिए शास्तिक कार्यवाई के साथ-साथ सख्त अनुशासनिक कार्यवाही भी की जाएगी। अन्य कानूनी प्रावधान आयपीसी 171-4- निर्वाचन के सिलसिले में अवैध सदाय – अभ्यर्थी के साधारण या विशेष लिखित प्राधिकार के बिना ऐसे अभ्यर्थी का निर्वाचन अग्रसर करना। आयपीसी 153क – धर्म, मूलवंश, जन्मस्थान, निवास स्थान, भाषा इत्यादि के आधारों पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता का संप्रर्वन और सौहार्द बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कार्य कार्य । आयपीसी 505 (2) विभिन्न वर्गों में शत्रुता, घृणा या वैमनस्य पैदा या सम्प्रवर्तित करने वाले कथन या रिपोर्टों का प्रकाशन । आरपी एक्ट 125- निर्वाचन के सम्बन्ध में वर्गों के बीच शत्रुता सम्प्रवर्तित करना निर्वाचन के सम्बन्ध में शत्रुता या घृणा की भावनाएं भारत के नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच धर्म, मूलवंश, जाति, समुदाय या भाषा के आधारों पर संप्रवर्तित करेगा या सम्प्रवर्तित करने का प्रयास।  कलेक्टर ने बताया कि जिले की प्रिंटिंग प्रेस का जिला निर्वाचन अधिकारी तथा प्रेक्षक गणों द्वारा निरीक्षण भी किया जाएगा। कलेक्टर ने बताया कि यदि मुद्रको  द्वारा आयोग के निर्देशों का उल्लंघन किया गया तो 2000 रुपए जुर्माना  या 6 माह का कारावास या दोनों सजा हो सकती है।

रतलाम

01 /Oct./2023

रतलाम जिले में आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 के अंतर्गत प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक एवं समस्त मीडिया में प्रकाशित होने वाली पेड न्यूज की कड़ी निगरानी की जाएगी। आयोग के निर्देशों का सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। इसके लिए जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटी का गठन किया गया है। अभ्यार्थियों राजनीतिक दलों को इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणीकरण एमसीएमसी कमेटी से कराना होगा। उक्त निर्देश कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी  नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा रविवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जिला स्तरीय मीडिया प्रशिक्षण सह कार्यशाला में दिए गए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर राधेश्याम मंडलोई उपस्थित थे। कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर डॉ. सुरेश कटारिया, डॉ. रियाज मंसूरी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। बताया गया कि किसी भी प्रकार के मीडिया में नगद या किसी भी कीमत प्रतिफल के रूप में प्रदर्शित होने वाले समाचार या विश्लेषण को पेड न्यूज़ के रूप में परिभाषित किया गया है। पेड न्यूज को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 77 एवं 123 (6) के उल्लंघन के रूप में देखा जाएगा जो निर्वाचन खर्च की अधिकतम सीमा एवं निर्वाचन में भ्रष्ट आचरण के संबंध में है। कार्यशाला में पेड़नयूज़ की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि एक ही समय के आसपास अलग-अलग लेखन की बाई लाइन वाले प्रतिस्पर्धी प्रकाशनों में दिखाई देने वाली तस्वीर के साथ समान आलेख पेड नयूज़ माने जाएंगे। इसी प्रकार विशिष्ट समाचार पत्र के इस पृष्ठ पर निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी की प्रशंसा करने वाले लेख का प्रकाशित करना, जिसमें दावा किया गया हो कि इस निर्वाचन में दोनों के विजई होने की संभावना है। ऐसी न्यूज़ आइटम जिसमें कहा गया हो कि अभ्यर्थी को समाज के प्रत्येक वर्ग का समर्थन मिल रहा है और वह निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन में विजयी होगा। ऐसी न्यूज़ आइटम जिसमें बिना नाम प्रदर्शित की अभ्यर्थी का समर्थन किया गया हो, एक बैनर शीर्षक को प्रकाशित करने वाला समाचार पत्र जिसमें कहा जाए कि दल या अभ्यर्थी राज्य निर्वाचन क्षेत्र में इतिहास रचने को तैयार है किंतु इस शीर्षक से संबंधित कोई खबर नहीं छपी, ऐसी खबर जिसमें यह कहा जाए कि एक दल या अभ्यर्थी द्वारा किए गए अच्छे कार्यो ने अन्य दल अभ्यर्थी की  संभावनाओं को कम कर दिया है आदि। बताया गया कि जिला एमसीएमसी कमेटी से संदिग्ध पेड न्यूज प्रकरण की सूचना प्राप्त होने पर रिटर्निंग अधिकारी 96 घंटे के भीतर अभ्यर्थियों को नोटिस जारी करेंगे और बताएंगे कि क्यों ना व्यय को अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में जोड़ा जावे। अभ्यर्थी को जवाब देने के लिए 48 घंटे का समय दिया जाएगा। जवाब प्राप्त होते ही जिला एमसीएमसी शीघ्रता से निर्णय कर अभ्यर्थी को सूचित करेगी। जिला एमसीएमसी के निर्णय के विरुद्ध 48 घंटे में राज्य एमसीएमसी में अपील की जा सकेगी। राज्य एमसीएससी 96 घंटे में निर्णय लेगी। राज्य एमसीएमसी के निर्णय के रूप में अपील के लिए 48 घंटे का समय रहेगा। पेड न्यूज पाए जाने पर निर्धारित मानक दरों के आधार पर इसका वास्तविक खर्च उम्मीदवार के चुनाव खाते में जोड़ा जाएगा। उम्मीदवार का नाम सीईओ की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा। चुनाव संपन्न होने के तुरंत बाद सभी पेड न्यूज के पुष्टि किए गए मामले दस्तावेजों के साथ सीईओ द्वारा आयोग को प्रस्तुत किए जाएंगे । जिला एमसीएमसी विज्ञापन प्रमाणन का कार्य करेगी। विज्ञापन का प्रकाशन अभ्यर्थी या दल की सहमति से नहीं किया गया तो प्रकाशक के विरुद्ध आईपीसी की धारा 171 एच के उल्लंघन की कार्रवाई की जाएगी। मतदान के दिन तथा उसके एक दिन पूर्व राजनीतिक दल अभ्यर्थी संगठन या व्यक्ति द्वारा प्रिंट मीडिया में प्रकाशित किए जाने वाले विज्ञापनों का एमसीएमसी कमेटी से प्रमाण अनिवार्य है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों  का पूर्व प्रमाणन आवश्यक है। इनमें टीवी केबल, नेटवर्क केबल, चैनल, सिनेमा हॉल, रेडियो, प्राइवेट एफएम चैनल, ऑडियो विजुअल, सार्वजनिक स्थान पर डिस्प्ले बोल के एसएमएस रिकॉर्ड वॉइस, मैसेज, मोबाइल नेटवर्क इन न्यूज़ पेपर, सोशल मीडिया तथा इंटरनेट वेबसाइट शामिल है। इसके लिए निर्धारित समय सीमा में पूर्व प्रमाण हेतु निर्धारित प्रपत्र ए में आवेदन करना होगा। समिति द्वारा प्रपत्र बी में प्रमाणीकरण दिया जाएगा।

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