रतलाम,
11 नवम्बर 2021,
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कुमार पुरुषोत्तम द्वारा आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण एक आरोपी को जिलाबदर करने के निर्देश जारी किए हैं। पुलिस थाना माणकचोक अंतर्गत राजेंद्र नगर निवासी मो. रफीक उर्फ़ बिच्छू पिता अब्दुल रहमान को आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण 1 वर्ष की कालावधि के लिए जिला बदर किया गया है। पुलिस अधीक्षक के प्रतिवेदन पर जिला दंडाधिकारी द्वारा मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 5 क व ख के अधीन प्रदत शक्तियों का उपयोग करते हुए मो. रफीक उर्फ़ बिच्छू पिता अब्दुल रहमान को जिलाबदर करने के निर्देश जारी किए हैं। आरोपी जिला बदर अवधि में रतलाम जिले की राजस्व सीमा तथा समीपवर्ती उज्जैन, आगर, धार, झाबुआ तथा मंदसौर जिले की राजस्व सीमाओं में प्रवेश नहीं कर सकेगा।
रतलाम,
11 नवम्बर 2021,
रतलाम डायरेक्टर जिला दंडाधिकारी रतलाम द्वारा जारी किए गए आदेश अनुसार जिले में आबकारी उपनिरीक्षक द्वारा की गई कार्रवाई में जप्त की गई अवैध शराब तथा अपराध में संलिप्त वाहन राजसात करने के आदेश जारी किए, जिला दंडाधिकारी कुमार पुरुषोत्तम द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार विगत दिनों जिले में खारी पलाश मार्ग पर आरोपीण सागरमल निवासी ग्राम बोरदा जिला धार तथा कैलाश निवासी खारी थाना बिलपांक से 53.64 बल्क लीटर अवैध मदिरा, एक हौंडा शाइन मोटर साइकिल से परिवहन कर ले जाए जाने पर मय वाहन जब्त की गई। प्रकरण में जिला दंडाधिकारी द्वारा अपराध में संलिप्त वाहन तथा जप्तशुदा शराब राजसात करने के आदेश के साथ ही वाहन के नियमानुसार नीलामी करने एवं शराब का विभागीय नियमों के तहत निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं।
रतलाम,
11 नवम्बर 2021,
रतलाम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर हो रहा है आदिवासी महिलाओं का आर्थिक उत्थान। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर रतलाम जिले में आदिवासी महिलाओं का वृहद स्तर पर आर्थिक उत्थान हो रहा है। समूहों में महिलाएं अपनी आर्थिक गतिविधियां संचालित कर रही हैं। वह न केवल स्वयं सशक्त हो रही हैं बल्कि अपने परिवार का आर्थिक स्तर भी ऊंचा उठा रही है। महिलाओं द्वारा विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। मुर्गीपालन भी एक प्रमुख आर्थिक गतिविधि है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की प्रेरणा से रतलाम जिले में 102 आदिवासी महिलाओं ने मुर्गीपालन शुरु किया है। समूह से जुडकर उक्त महिलाएं आर्थिक समृद्धि हासिल कर रही है। रतलाम जिले के बाजना विकासखंड के आदिवासी बाहुल्य ग्राम हेवड़ा दामाखुर्द की रहने वाली आदिवासी महिला ललिताबाई दामा आदिवासी महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण है। जो राज्य शासन की महिला सशक्तिकरण नीतियों के परिणाम स्वरूप आर्थिक रूप से तरक्की की मिसाल बनी है। अपने घर में पोल्ट्री फॉर्म संचालित करने वाली ललिताबाई ने विगत दिनों 5 लाख रूपए की मुर्गियां बेची और 1 लाख रूपए शुद्ध मुनाफा कमाया। ललिताबाई 2 वर्ष पूर्व राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गांव में गठित किए जा रहे अंबे माता आजीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी। समूह से जुड़ने के पूर्व उनकी आर्थिक स्थिति खराब थी, रोजगार का कोई विशेष साधन था नहीं, खेती सिंचित नहीं होने के कारण फायदा नहीं हो रहा था। लेकिन जब समूह से जुड़ी तो अधिकारियों, कर्मचारियों की समझाईश पर कुछ अच्छा करने की ठान ली। समूह को व्यवस्थित रूप से चलाया। 3 महीने के बाद उन्हें रिवाल्विंग फंड की राशि मिली। छोटी-छोटी बचत भी करने लगे एक समूह की महिलाओं को एक्स्पोज़र भ्रमण के लिए सैलाना विकासखंड ले जाया गया तो वहां मुर्गीपालन देखकर ललिताबाई ने भी मुर्गीपालन व्यवसाय अपनाने का सोचा और कार्य शुरू कर दिया। उनको मनरेगा योजना से मुर्गी शेड बनाने के लिए 51 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई। बडे स्तर पर व्यावसायिक रुप से कार्य करने के लिए पूंजी की आवश्यकता थी, इसके लिए समूह एवं बचत राशि से 54 हजार रुपए ऋण लेकर मुर्गीपालन का कार्य शुरु किया। शुरुआत में अपने परिवारिक परिचित के माध्यम से हरियाणा से 3000 मुर्गी चूज़े मंगवाए, उनके वजन में वृद्धि हुई तो बेचना शुरू कर दिया। मुर्गीपालन का कार्य उन्होंने विगत जुलाई माह में आरंभ किया था अभी चालू माह तक उन्होंने लगभग 5 लाख रूपए की मुर्गियां विक्रय कर दी है इससे उन्हें 1 लाख रूपए का लाभ मिला। ललिता ने बताया कि अभी शुरुआत है, इधर-उधर आने-जाने में काफी खर्च हुआ। मुर्गियों का आहार बाहर दुकानों से खरीदा गया, उस पर भी ज्यादा खर्चा आया। अब उनके द्वारा पीसाई चक्की खरीद ली गई है जिससे घर पर ही मुर्गियों के लिए आहार तैयार किया जा रहा है। इससे उन्हें बाजार की तुलना में बड़ी बचत होगी और आगामी दिनों में उनका मुर्गी विक्रय से मुनाफा और बढ़ जाएगा। अभी भी उनके पोल्ट्री फार्म पर 3200 मुर्गियां विक्रय के लिए तैयार हैं। गांव में बाजना, बांसवाड़ा, कुशलगढ़ आदि स्थानों से व्यापारी उनके घर आकर मुर्गियां खरीदकर ले जाते हैं। ललिता का कहना है कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर गांव की आदिवासी महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि हो रही है। अपनी तरक्की के लिए ललिताबाई मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के द्वारा लागू की गई महिला सशक्तिकरण योजनाओं और नीतियों के प्रति आभार व्यक्त करती है। उन्होंने बताया कि उनके समूह में शामिल महिलाएं विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित कर रही हैं। इनमें चंपाबाई बकरी पालन कर रही है, हीराबाई सिलाई तो शारदा किराना दुकान संचालित कर रही है। ये सभी महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही है अपने परिवार का जीवन स्तर ऊंचा उठा रही हैं।
रतलाम,
11 नवम्बर 2021,
रतलाम जिले में आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए 9 नवंबर और 10 नवंबर को हड़ताल पर जाने वाली एएनएम का दो दिवस का वेतन कटौती करने का आदेश जारी किया गया है। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा है कि वर्तमान में टीकाकरण कार्य चल रहा है जो शासन द्वारा अत्यावश्यक सेवा मे माना गया है। अतः अपने कार्य पर अनुपस्थित स्वास्थ्यकर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिला स्तर पर उनकी जो भी समस्या है उसका निदान किया जाएगा परंतु वे तत्काल कार्य पर लौटे। कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा टीकाकरण में बेहतरीन कार्य किया गया है इसलिए उनके अनैतिक रूप से हड़ताल पर जाने पर भी प्रशासन द्वारा अभी सिर्फ वेतन काटा जा रहा है परंतु वे कार्य पर नहीं लौटते हैं तो प्रशासन द्वारा कठोर कदम भी उठाए जा सकते हैं जिसमें उनके प्रमुख नेतृत्वकर्ताओं, अध्यक्ष, सचिव के विरुद्ध एस्मा जैसी कार्रवाई भी की जा सकती है। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि राज्य में 29 सितंबर 2021 से एस्मा एक्ट लागू है।
रतलाम,
11 नवम्बर 2021,
रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा सर्वसंबंधित अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देशित किया गया है कि किसी भी स्थिति में अवैध कालोनियों का निर्माण नहीं हो। कलेक्टर ने चेतावनी दी है कि भविष्य में किसी भी नगरीय क्षेत्र में अगर अवैध कॉलोनी निर्माण होना पाया गया तो संबंधित मुख्य नगरपालिका अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा तथा ग्रामीण क्षेत्र में तहसीलदार एवं उसका अधीनस्थ आमला जिम्मेदार होगा। संबंधित एसडीएम की भी जिम्मेदारी होगी कि अवैध कॉलोनी प्रारंभ होने की सूचना पर तत्काल कार्रवाई करें। इसी तरह रतलाम नगर निगम आयुक्त को भी निर्देशित किया गया है कि नगरीय क्षेत्र में अगर अवैध कॉलोनी बनना पाई जाती है तो संबंधित क्षेत्र का इंजीनियर इसके लिए जिम्मेदार होगा और उसके विरुद्ध कार्रवाई की जा सकेगी।