रतलाम,
29 /09 /2021 ,
रतलाम मे माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर व्दारा पूर्व थाना प्रभारी जीआरपी रतलाम अजय कुमार मिश्रा को रतलाम मण्डल में कार्यरत डिप्टी सीटीआई व्दारकेश अय्यर के पक्ष में माननीय उच्च न्यायालय व्दारा दिनांक 08.05.2021 को दिए गए अग्रिम जमानत का आदेश का पालन किए जाने हेतु उनसे पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगे जाने और उक्त राशि न दिए जाने पर उन्हें अग्रिम जमानत पर रिहा न कर माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना किए जाने पर माननीय न्यायामूर्ति शैलेन्द्र शुक्ला व्दारा न्यायालय अवमानना का सूचना पत्र जारी कर 22.10.2021 को माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के समक्ष उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है। माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष पश्चिम रेलवे रतलाम मण्डल में पदस्थ डिप्टी सीटीआई व्दारकेश अय्यर के अधिवक्ता गौरव पांचाल ने उनके पक्षकार की ओर से बताया कि पुलिस थाना जीआरपी रतलाम पर मुम्बई निवासी एक महिला व्दारा दिनांक 23.02.2021 को एक लिखित आवेदन दिया गया था, जिसमें उसके साथ दो बत्ती स्थित स्वाद होटल में डिप्टी सीटीआई व्दा्रा बलात्कार किए जाने का आरोप लगाया गया था। उक्त आवेदन पर पूर्व थाना प्रभारी अजय कुमार मिश्रा व्दारा महिला के कथन लिए गए और घटनास्थल स्वाद होटल थाना स्टेशन रोड़ के क्षेत्राधिकार का होने से उक्त महिला को मय महिला आरक्षक व शासकीय वाहन से थाना स्टेशन रोड़ पर एफआईआर दर्ज करवाए जाने के लिए भेजा गया था, जिसे थाना स्टेशन रोड पर प्राप्त भी किया गया था। इसके पश्चात उक्त महिला और उसके षडयंत्रकारी साथियों ने उपरोक्त आवेदन को छुपाकर एक नया शिकायत आवेदन थाना स्टेशन रोड़ पर घटनाक्रम और घटनास्थल परिवर्तित कर दिया गया जिसमें उसके साथ रेलवे कालोनी के क्वार्टर में बलात्कार किया जाना बताया गया और इस आवेदन पर थाना स्टेशन रोड़ पर धारा 376 (एन), 366 व अन्य धाराओं में अपराध पंजीबध्द किया गया और घटनास्थल रेलवे क्वार्टर थाना जीआरपी रतलाम के क्षेत्राधिकार का होने से इस एफआईआर को अग्रिम विवेचना के लिए थाना जीआरपी पर भेज दिया गया। इस मामले में रेलकर्मी की ओर से अग्रिम जमानत आवेदन माननीय सत्र न्यायालय और माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के समक्ष गौरव पांचाल की ओर से प्रस्तुत किया गया, जहां अजय कुमार मिश्रा व्दारा फरियादी महिला से षडयंत्र कर उसकी ओर से थाना जीआरपी पर पूर्व में प्रस्तुत शिकायत आवेदन और अन्य महत्वपूर्ण तथ्य छुपाए गए तथा रेलकर्मी की ओर से प्रस्तुत अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त करवाए जाने के लिए गैरकानूनी प्रक्रियाओं का लाभ लेकर फरियादी का साथ दिया गया। इसके पश्चात भी माननीय उच्च न्यायालय व्दारा रेलकर्मी की ओर से प्रस्तुत अग्रिम जमानत आवेदन दिनांक 08.05.2021 को स्वीकार किया गया और रेलकर्मी को गिरफ्तार किए जाने पर उसे जमानत पर छोड़े जाने तथा रेलकर्मी को दिनांक 17.05.2021 को थाना जीआरपी रतलाम पर अनुसंधान अधिकारी अजय कुमार मिश्रा के समक्ष अग्रिम कार्यवाही हेतु उपस्थित होने का आदेश दिया गया था। आदेश के पालन में रेलकर्मी अजय कुमार मिश्रा के पास माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए और अग्रिम अनुसंधान की कार्यवाहियों में भाग लेने के लिए गया लेकिन अजय कुमार मिश्रा ने उसे अग्रिम जमानत पर रिहा करने और माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने के एवज में पांच लाख रुपये रिश्वत की मांग की, जिसकी शिकायत रेलकर्मी व्दारा जीआरपी एसपी इन्दौर सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को की लेकिन उनके व्दारा अजय कुमार मिश्रा के विरुध्द पूर्व से ही कई विभागीय जांच लम्बित रहने और गम्भीर प्रकृति की शिकायत होने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई जबकि इस दौरान थाना जीआरपी रतलाम पर निरीक्षक श्री सिसोदिया की नियुक्ति की जा चुकी थी और अजय कुमार मिश्रा जो उस समय उपनिरीक्षक के पद पर पदस्थ थे थाना प्रभारी का कार्य सम्हाल रहे थे और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों व्दारा एक उपनिरीक्षक से एक निरीक्षक को चार्ज दिलवाए जाने का आदेश नहीं किया जा रहा था। रेलकर्मी व्दारा अजय कुमार मिश्रा की अवैधानिक मांग को पूरा न किए जाने पर उन्हें धमकाया गया और इसके पश्चात अजय कुमार मिश्रा ने उक्त महिला व्दारा महाराष्ट्र के अन्य थाना पर उक्त रेलकर्मी के विरुध्द दर्ज करवाए गए एक अन्य प्रकरण में उसे थाना जीआरपी रतलाम पर दिनांक 17.05.2021 को पहुंचने के पूर्व ही गिरफ्तार करवाने का षडयंत्र महाराष्ट्र पुलिस और उक्त महिला के साथ किया गया और दिनांक 16.05.2021 को ही उक्त महिला और महाराष्ट्र पुलिस को निजी वाहन से रतलाम बुलवाया गया जिससे वे उक्त रेलकर्मी को थाना जीआरपी पर पहुंचने के पूर्व ही गिरफ्तार करवा सके, जिससे वह 17.05.21 को थाना जीआरपी पर न पहुंच सके और इसके पश्चात उक्त रेलकर्मी के पक्ष में माननीय उच्च न्यायालय व्दारा दिए गए अग्रिम जमानत आदेश को निरस्त करवाया जा सके। उक्त समस्त घटनाक्रम की शिकायत भी रेलकर्मी और उनके अधिवक्ता अमित कुमार पांचाल व्दारा पुलिस अधीक्षक जीआरपी इन्दौर को की गई लेकिन इसके पश्चात भी अजय कुमार मिश्रा के विरुध्द कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। दिनांक 16.05.2021 को अजय कुमार मिश्रा और महाराष्ट्र पुलिस व्दारा उक्त रेलकर्मी के एक अन्य सहकर्मी को गैरकानूनी तरीके से थाना जीआरपी पर निरुध्द किया गया और उसे कहा गया वह डिप्टी सीटीआई को किसी भी तरह से थाना जीआरपी पर बुलवाए जिससे उसे गिरफ्तार कर महाराष्ट्र ले जाया सके और वह 17.05.21 को थाना पर नहीं पहुंच सके। दिनांक 17.05.2021 की मध्य रात्रि तक उक्त महिला और महाराष्ट्र पुलिस व्दारा थाना जीआरपी पर उपस्थित रहकर रेलकर्मी को गिरफ्तार करने का प्रयास किया गया और अजय कुमार मिश्रा ने उनका सहयोग किया। इसके पश्चात 17.05.21 को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के पश्चात अजय कुमार मिश्रा को इन्दौर जीआरपी लाइन पर स्थानांतरित किया गया लेकिन इसके पश्चात भी उन्होंने निरीक्षक श्री सिसोदिया को चार्ज देने में अत्यधिक विलम्ब इसलिए किया गया क्योंकि वे उक्त रेलकर्मी को गिरफ्तार करवाकर उसके पक्ष में माननीय उच्च न्यायालय व्दारा दिए गए अग्रिम जमानत आदेश को निरस्त करवाना चाहते थे। इस समस्त घटनाक्रम के आधार पर पुनः रेलकर्मी की ओर से माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका प्रस्तुत कर अग्रिम जमानत आवेदन में उल्लेखित दिनांक को उपरोक्त कारणों से परिवर्तित किए जाने की याचिका प्रस्तुत की गई, जिसे स्वीकार किए जाने के बाद जीआरपी इन्दौर की थाना प्रभारी गायत्री सोनी व्दारा उक्त रेलकर्मी को अग्रिम जमानत पर रिहा किया। उपरोक्त समस्त घटनाक्रम, फोटोग्राफ्स, शिकायतें आदि दस्तावेजों के आधार पर रेलकर्मी व्दारा माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना याचिका अजय कुमार मिश्रा के विरुध्द प्रस्तुत की गई है, जिस माननीय उच्च न्यायालय व्दारा अजय कुमार मिश्रा को 22.10.2021 को याचिका में उपस्थित रहने का आदेश प्रदान किया गया है।