आदिवासी समाज के 32 प्रतिशत आरक्षण बहाली की मांग को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन,

सक्ती (छ.ग.)

रवि कुमार खटर्जी ब्लाक रिपोर्टर,

01/Nov/2022,
सक्ती मे बसपा ने छ.ग. शासन से अनुसूचित जनजाति को 32प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सक्ती कलेक्टर को सौंपा है। कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में बहुजन समाज पार्टी ने कहा है की छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जनजातियों को उनकी जनसंख्या तमक 32% आरक्षण प्रदान किया जाए। बसपा ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन में इस बात का उल्लेख किया है की 19 सितंबर 2022 को बिलासपुर हाई कोर्ट के द्वारा छत्तीसगढ़ प्रदेश में 58% आरक्षण को असंवैधानिक करार देते हुए एक फैसला सुनाया जिससे राज्य में निवासरत 32% अनुसूचित जनजाति समाज को आबादी के अनुपात में 12% का सीधे-सीधे नुकसान हो रहा है। वैसे भी छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 12 वर्षों बाद 2012 से अनुसूचित जनजाति को 32% आरक्षण देने की शुरुआत हुई थी इस तरह से इन वर्गों का 12 वर्षों तक लगातार 12% का नुकसान हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट में मजबूती से इस मुद्दे पर अपना पक्ष नहीं रखने की वजह से यह फैसला आया है। राष्ट्रपति को सौंपी इस ज्ञापन के माध्यम से बहुजन समाज पार्टी छत्तीसगढ़ राज्य में सरकार अनुसूचित जनजातियों का 32% आरक्षण प्रतिनिधित्व बिना किसी अन्य वर्ग के आरक्षण को कम किए बगैर यथावत रखने की घोषणा कर तत्काल उसे लागू भी करे। छत्तीसगढ़ राज्य शासन विधानमंडल में 32% अनुसूचित जनजातियों का प्रतिनिधित्व व्यवस्था को लागू करने का प्रस्ताव पारित कर राज्य गजट में प्रकाशित करें। भारत के उच्चतम न्यायालय में अनुसूचित जनजातियों को उनको 32% प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए हलफनामा दायर दक्षिण करें। छत्तीसगढ़ शासन भारतीय संविधान के मुताबिक अनुच्छेद 16 (4) लोक नियोजन के विषय में अवसर की क्षमता प्रदान करें। छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जनजातियों के लिए 32% आरक्षण बिना अन्य किसी वर्ग के आरक्षण को कम किए बगैर नियम को लागू कर संविधान की नौवीं अनुसूची में सूचीबद्ध किया जाए। छत्तीसगढ़ प्रदेशवासियों को शासकीय सेवाओं में कुल पद का 93% प्रतिनिधित्व दिया जाए शेष 7% अन्य को दिया जाए। छत्तीसगढ़ शासन पूंजीपतियों अदानी अंबानी जिंदल एस्सार टाटा बिरला एवं अन्य बाहरी उद्योग पतियों को स्थापना हेतु देना बंद करें। छत्तीसगढ़ शासन उद्योग नीति में बदलाव करके अनुसूचित जनजातियों को व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षित युवक-युवतियों को की टीम को सहकारी समिति के माध्यम से पंजीकृत करें तथा दीर्घकालीन ऋण एवं उपयोग हेतु सरकारी जमीन मुहैया कराए। छत्तीसगढ़ शासन अनुसूचित क्षेत्रों से समस्त प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों के उत्खनन पर अनुसूचित जातियों को 50% शेयर होल्डर धारक घोषित करें। मांगों संबंधी ज्ञापन सौंपा जाने के समय बसपा छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी नर्मदा प्रसाद अहिरवार, दिग्गज बसपा नेता दाउ राम रत्नाकर, राधेश्याम सुर्यवंशी, बसपा पूर्व प्रदेश महासचिव उज्जवल किरण, पूर्व विधायक लालसाय खूंटे, शक्ति जिलाध्यक्ष जी आर बंजारे, शक्ति जिला प्रभारी मनहरण मनहर, वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता उदय मधुकर, रामकुमार चंद्रा, राम कुमार, राजकुमार मन्नेवार,एच एल कोशले, जीडी प्रधान, धारिया, ठाकुर राम मनहर, प्रमोद लहरे, जितेन्द्र, घनश्याम राठौर, रामदीन टंडन, अधि.अशोक भारद्वाज , बाबूलाल चंद्रा, प्रमोद लहरे , संजू भारद्वाज, दिलीप खुंटे सहित सैकड़ों की तादाद में बसपाई उपस्थित रहे।

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