वैवाहिक आयोजन में वर-वधु पक्ष के 10-10 व्यक्ति ही सम्मिलित हो सकेंगे प्रतिबंधात्मक आदेश का सभी पालन सुनिश्चित करें,मेडिकल कॉलेज से रविवार को 80 व्यक्ति डिस्चार्ज हुए, कोरोना-अपडेट पॉजीटिव केसेस की तुलना में रिकवरी बढ़कर 84.19 प्रतिशत – मुख्यमंत्री श्री चौहान 45 जिलों में स्वीकृत 45 ऑक्सीजन प्लांट,83.4 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन मे हुए ठीक,

रतलाम,

2 मई 2021,

रतलाम जिला प्रशासन ने जिले के सभी नागरिकों से प्रतिबंधात्मक आदेश का गंभीरता से पालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। प्रतिबंधात्मक आदेश के अनुसार जिले में कोरोना कर्फ्यू के दौरान विवाह समारोह में वर-वधु पक्ष के अधिकतम 10-10 व्यक्तियों की अनुमति रहेगी। विवाह समारोह में प्रोसेशन व डीजे पूर्णतः प्रतिबंधित रहेंगे। विवाह समारोह हेतु संबंधित थाने में तीन दिवस पहले आवेदन देना अनिवार्य होगा। अंतिम संस्कार (शवयात्रा) के दौरान अधिकतम 10 व्यक्तियों की अनुमति रहेगी। उठावना कार्यक्रम के दौरान (चलित उठावना) अधिकतम 10 व्यक्तियों की अनुमति रहेगी। दशाकर्म एवं पगड़ी कार्यक्रम पूर्णतः प्रतिबंधित रहेंगे। जिले के भीतर आवागमन हेतु आटो रिक्शा,मैजिक में वाहन चालक के अतिरिक्त अधिकतम दो सवारी की अनुमति रहेगी। केवल आपातकालीन उद्देश्यों से चिकित्सा आपात स्थिति को छोड़कर दो पहिया वाहन पर एक व्यक्ति और चार पहिया वाहन पर वाहन चालक के अतिरिक्त दो व्यक्ति की अनुमति रहेगी। प्रतिबंधात्मक आदेश के अन्य सभी निर्देशों का भी पालन सुनिश्चित करें।

रतलाम,

2 मई 2021,

रतलाम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रतलाम से स्वस्थ होकर रविवार को 80 व्यक्ति अपने घर लौटे । डिस्चार्ज होते समय इन लोगों ने कॉविड के नियमों का पालन करने तथा अपने परिजनों को भी सभी नियमों का पालन कराने का संकल्प लिया। डिस्चार्ज हुए लोगों ने मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए यहां के स्टाफ को धन्यवाद दिया। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि आज मेडिकल कॉलेज में 64 नए मरीज भर्ती हुए। रविवार की स्थिति में मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में कुल बिस्तरों की संख्या 550 , आईसीयू बेड 56 सभी फुल है , एचडीयू में 172 बैड सभी फुल हैं।  ऑक्सीजन बेड 120 सभी फुल हैं।  नॉन ऑक्सीजन बैड 202 में से 96 पर पेशेंट भर्ती हैं। कुल 444 पेशेंट हॉस्पिटल में भर्ती है इनमें 296  पॉजीटिव हैं तथा शेष सस्पेक्टेड या ऑक्सीजन लेवल वाले हैं।कुल पॉजिटिव डैथ 06 (04 रतलाम, ,01 झाबुआ,01 धार ), हॉस्पिटल में रिक्त बेड 106 है। उन्होंने बताया कि मरीजों एवं उनके परिजनों को सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए किए जा रहे प्रयासों में निरंतर वृद्धि की जा रही है।

रतलाम,

2 मई 2021,

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव केसेस की तुलना में रिकवरी रेट में लगातार वृद्धि हो रही है। रिकवरी दर 23 अप्रैल को 80.41 प्रतिशत थी, जो बढ़कर आज 2 मई को 84.19 प्रतिशत हो गई है। रिकवरी दर 29 अप्रैल को 82.28 प्रतिशत, 30 अप्रैल को 82.88 प्रतिशत और एक मई को बढ़कर 83.63 प्रतिशत पहुँची। एक्टिव केसेस की संख्या के हिसाब से मध्यप्रदेश देश में 7 वें नंबर पर था, जो अब 14 वें नंबर पर बेहतर स्थिति में आ गया है। प्रदेश के 26 जिलों में नए पॉजिटिव केसेस की तुलना रिकवरी का प्रतिशत अधिक रहा है।

रतलाम,

2 मई 2021,

प्रदेश में एक दिन में स्वस्थ हुए मरीजों में से 83.4 प्रतिशत होम आइसोलेशन के मरीज थे और 3.9 प्रतिशत मरीज कोविड केयर सेन्टर में उपचाररत थे। इस प्रकार 87.3 प्रतिशत मरीज अस्पताल जाए बिना होम आइसोलेशन और कोविड केयर सेंटर में ही स्वस्थ्य हो गए। शेष 12.7 प्रतिशत अस्पतालों से ठीक होकर घर वापस गए हैं। प्रदेश में कुल 68 हजार 156 मरीज होम आइसोलेशन में है। इनमें से 97 प्रतिशत मरीजों से कम से कम एक बार सम्पर्क किया गया है। होम आइसोलेशन के 99 प्रतिशत मरीजों को मेडिकल किट और हेल्थ ब्रोशर की होम डिलेवरी की जा रही है।

52 जिलों में 251 कोविड केयर सेंटर्स कार्यरत,

प्रदेश के 52 जिलों मे 251 कोविड केयर सेंटर्स प्रारंभ किये जा चुके हैं, जिनमें मंद लक्षणों वाले रोगियों को रखा जा रहा है। इनमें वर्तमान में कुल 16 हजार 636 बेड्स की व्यवस्था की गई है। इनमें से 1180 ऑक्सीजन बेड्स स्थापित किये गए हैं। सेंटर्स में बेड्स की संख्या में निरंतर इजाफा किया जा रहा है।

22 हजार से अधिक क्वारेन्टाईन सेंटर्स,

ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक कुल 22 हजार 10 संस्थागत क्वारेन्टाईन सेंटर्स बनाये जा चुके हैं। इनमें 2 लाख 63 हजार 715 बेडस स्थापित किये गए हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित सभी सेंटर्स में रहने वाले मरीजों को मेडिकल किट और हेल्थ ब्रोशर प्रदाय किये जा रहे हैं।

अस्पताल और बिस्तर,

प्रदेश में कुल 845 कोविड अस्पताल संचालित हैं। एक अप्रैल तक इनमें कुल 20 हजार 159 बेड्स उपलब्ध थे, जिन्हें बढ़ाकर 60 हजार से अधिक किया गया है। प्रतिदिन एक हजार से अधिक बेड्स बढ़ाए जा रहे हैं। एक माह में 40 हजार से अधिक बेड्स बढ़ाए गए हैं। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के बेड्स को ऑक्सीजन बेड्स में परिवर्तित करने के लिए पाइप लाइन डालने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। जिला अस्पतालों के 2 हजार 302 बिस्तरों में से अब तक 1476 बिस्तरों के लिए ऑक्सीजन पाइप लाइन डाली जा चुकी है। प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के 4643 बिस्तरों में से अब तक 557 बिस्तरों के लिए ऑक्सीजन पाइप लाइन डालने का कार्य पूर्ण हो चुका है।

ऑक्सीजन की उपलब्धता,

प्रदेश को केन्द्र सरकार से 24 अप्रैल से अभी तक 649 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की स्वीकृति मिली है। बाहरी स्त्रोतों से कुल 474.8 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त होने की संभावना है। इसके अलावा बाहरी स्त्रोतों से 455.2 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है। ऑक्सीजन के त्वरित परिवहन के लिए झारखंड एवं गुजरात से ऑक्सीजन टेंकर एयरलिफ्ट कर इंदौर, भोपाल एवं ग्वालियर लाए जा रहे हैं। केन्द्र सरकार से बोकारो एवं भोपाल के मध्य वायुसेना की सामरिक उड़ान सहित जामनगर से भोपाल-इंदौर की उड़ान के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इसके अलावा रेल्वे के माध्यम से राउरकेला से जबलपुर तक प्रति रैक 6 टेंकर्स के परिवहन की सुविधा के साथ 2 रेलवे रेक्स उपलब्ध कराये जाने के लिए रेल मंत्रालय से अनुरोध किया गया। ऑक्सीजन उत्पादक कंपनी एयर लिक्विड, पानीपत से मध्यप्रदेश का ऑक्सीजन आवंटन 6 मीट्रिक टन प्रतिदिन से बढ़ाकर 20 मीट्रिक टन प्रतिदिन निर्धारित करने एवं आईनॉक्स, बोकारो से प्रतिदिन का आवंटन 100 से 133 मीट्रिक टन करने अनुरोध भी राज्य शासन द्वारा भारत सरकार से किया गया है। ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए राज्य सरकार द्वारा 2000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगाये जा चुके हें। इसके अलावा 10 लीटर प्रति मिनिट की क्षमता वाले 5000 कंसंट्रेटर केन्द्र से प्रदाय करने का अनुरोध किया गया है।

45 जिलों में स्वीकृत 45 ऑक्सीजन प्लांट,

राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 37 जिलों के लिए स्वयं के बजट से जिला अस्पतालों में पीएसए तकनीक से तैयार होने वाले नए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। प्रथम चरण में 13 जिलों में 16 मई तक प्लांट शुरू हो जायेंगे। द्वितीय चरण में 9 जिलों में 23 मई तक एवं तृतीय चरण में शेष 15 जिलों में 20 जुलाई तक ऑक्सीजन प्लांट प्रारंभ करने का लक्ष्य है। भारत सरकार के सहयोग से 8 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 7 प्लांट ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है

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