सुख और दुख व्यक्ति के कर्मों का फल है मुनि उत्तम सागर जी मसा,

सैलाना,

17 May /2022, 

सैलाना सुख और दुख व्यक्ति के कर्मों का फल है। यदि व्यक्ति अच्छे कर्म करता है तो उसे अच्छे फल मिलते हैं। लेकिन व्यक्ति बुरे कर्म करता है उसे वैसा ही भुगतना पड़ता है। यह उद्गार छोटा जैन मंदिर में आयोजित कर्म तेरी लीला न्यारी विषय पर आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए। उत्तम सागर मसा अपने कर्मों की गति पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कथा-कहानी प्रसंग सुनाते हुए सरल शब्दों में समझाया।
धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि कीर्ति सागर मसा ने कहा कि व्यक्ति को कभी भी परोपकारी का उपकार नहीं भूलना चाहिए। क्योंकि परोपकारी का उपकार व्यक्ति बहुत ऊंचाई पर ले जाता है। लेकिन यदि व्यक्ति उपकार को भूल जाता है तो व्यक्ति नीचे ही रह जाता है। वह जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर सकता। उल्लेखनीय है कि जन-जन की आस्था एवं श्रद्धा के केंद्र आचार्य भगवंत श्री नवरत्न सागर सुरीश्वर जी महाराज साहब के शिष्य रत्न श्री युवाचार्य विश्वरत्न सागर जी महाराज साहब की पावन निश्रा में एवं साध्वी वर्या श्री सोम्ययशा श्रीजी मसा की प्रेरणा से तपस्वी रत्ना स्वर्गीय श्रीमती सोहन भाई पूनम चंद जी चंडालिया परिवार द्वारा दिनांक 20 मई से 22 मई तक तीन दिवसीय सैलाना से सेमलिया महातीर्थ के छः रिपालीत पैदल यात्रा संघ का आयोजन होने वाला है। उक्त जानकारी आयोजक अशोक चंडालिया ने दी। इस अवसर पर पधारे गुरुभगवंतो द्वारा छोटा जैन मंदिर में प्रतिदिन सुबह 9:15 बजे से 10:15 बजे तक तथा रात 8:30 बजे से रात्रि 9:30 बजे तक धर्म सभा में सामाजिक जीवन की एवं दैनिक जनजीवन की छोटी मोटी बातों पर प्रेरक ज्ञानगंगा से लोगों को रसपान करवाया जा रहा है।

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