अभ्यर्थियों को अपने आपराधिक रिकार्ड प्रकाशित करने होंगे-सात कर्मचारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी- किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल तथा इसके परिणाम का प्रकाशन या प्रचार 7 से 30 नवम्बर तक पूर्ण प्रतिबंधित रहेगा

रतलाम

01/Nov/2023 

विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए नामांकन फार्म दाखिल करने वाले अभ्यर्थियों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड को उजागर करने होंगे। इसके लिए उन्हें विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म व समाचार पत्रों में अपने अपराधिक रिकार्ड को प्रकाशित एवं प्रसारित करवाना होगा। प्रथम प्रकाशन चार दिवस के भीतर (नवंबर से नवंबर तक) प्रकाशित करने होंगे। द्वितीय प्रकाशन नवम्बर से 10 नवम्बर के मध्य तथा त़ृतीय प्रकाशन 11 नवम्बर से प्रचार समाप्ति तक (मतदान दिवस 17 नवम्बर के दो दिवस पूर्व तक) किया जाएगा।

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01/Nov/2023 

विधानसभा निर्वाचन 2023 में प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनुपस्थित रहने पर सात कर्मचारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं। नोडल अधिकारी कम्प्युनिकेशन प्लान व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अमन वैष्णव ने त्रिस्तरीय कम्युनिकेशन प्लान के प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनुपस्थित रहने पर ओमप्रकाश मीणा जावराप्रकाश गामड जावरानाथुलाल मुनिया जावरा, खुशबू सोलंकी जावराश्रीमती शबीना कौसर जावरागोपालशक्तिसिंह आलोट को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं।

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01/Nov/2023 

मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन 2023 की आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि आदर्श आचरण संहिता के दौरान 7 नवम्बर की सुबह 7 बजे से 30 नवम्बर की शाम 6ः30 बजे तक निर्वाचन के संबंध में किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल का आयोजन तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इसके परिणाम का प्रकाशन या प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से इसका प्रचार-प्रसार करने पर प्रतिबंध रहेगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 31 अक्टूबर 2023 को इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी गई है। जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि निर्वाचन के दौरान सभी मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिये नियत समय पर समाप्त होने वाले 48 घण्टों के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल या किसी अन्य मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामलों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध रहेगा। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126क में यह प्रावधानित किया गया है कि कोई भी व्यक्ति कोई निर्गम मत सर्वेक्षण नहीं करेगा और किसी निर्गम मत सर्वेक्षण के परिणाम का ऐसी अवधि के दौरान जो निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में अधिसूचित की जाए, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रकाशन या प्रचार या किसी भी प्रकार की अन्य रीति से प्रसार नहीं करेगा। यदि कोई व्यक्ति इस प्रावधान का उल्लंघन करेगा, तो ऐसी अवधि के कारावास से जो दो वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से दण्डनीय होगा।

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