रतलाम
14/Apr/2024
ब्यूरो चिफ कृष्णकांत मालवीय
तेंदुए को पकड़ने के लिए दोलतपुरा में लगाया पिंजरा
रतलाम सर ये शेर ही है। जो हमारे जानवरों को प्रतिदिन अपना शिकार बना रहा है। अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही हैं। जिस समय अधिकारिय गांव से से दूर जंगल में पिंजरा लगा रहे थे। उसी समय दोपहर को गांव में फिर दो बकरियो को तेंदुए ने अपना शिकार बना लिया। यह बात मांगू पिता गोदर गामड़ 40 वर्ष की पुत्री अनिता गामड़ ने कही। उसने कहा की सैलाना के देवरूडा गांव में बुधवार को मेरे घर के पास सुरेश गामड़ के यहां पर पांच तेंदुओ ने बकरियों का शिकार किया था। उसके तीन दिन बाद रविवार को दोपहर 12 बजे बाद मकान के पास खेत पर मौजूद बबुल के पेड़ पर दो बकरियां बंधी हुई थी। घर वाले पास के गांव शादी समारोह में शामिल होने गए हुए थे। मैं घर के बाहर काम कर रही थी। की अचानक एक बड़ा शेर की तरह दिखने वाला जानवर ओर उसके साथ साथ छोड़े शेर के जैसे दिखने वाले बच्चों ने बंधी हुई दोनों बकरियों पर हमला कर दिया। घबराहट में मैं घर के अंदर भागी। ओर जोर-जोर से चिल्लाने लगी। शोर शराबा सुनकर आसपास के लोगों ने तेंदुए को लकड़ी की बजाते हुए उसको जंगल की ओर भगाया। और अधिकारी को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंचे रेंजर सीमा सिंह व उनकी टीम ने घटनास्थल के आसपास व समिप खेत में तेंदुए की तरह दिखने वाले पैरों के निशान भी देखे। अधिकारियों ने कहा की पैरों के निशान की फोटो आगे विभाग में भेजा था। वहां से पुष्टि हुआ कि यह पैरों के निशान तेंदुए के नहीं है किसी जंगली जानवर जैसे सियार के है।लेकिन वह निशान तेंदुए के ही पैरों के निशान हैं। अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई और वह लौट कर चले गए।
पिंजरा लेकर पहुंचा, उज्जैन का रैशक्यु दल-
दोलतपुरा के समीप छोटे तालाब के पास नाल मे उज्जैन का रैशक्यु दल ने पिंजरा लगा दिया है। उज्जैन से वन रक्षक संजय झां, सोनु चौहान, देब करण बेंडवाल, रेंजर सीमा सिंह, डिप्टी रेंजर गजराज सिंह डोडिया, राकेश डिंडोर अडवानीया बीट, पप्पू सिंह देवड़ा मकोडिया रूडी बीट प्रभारी, खिमाजी म ईडा व मुकेश कटारा आदी मौजूद रहे। मृतक बकरियों के गर्दनो पर बड़े दांतों के निशान पाए गए- पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ विद्या चारेल का कहना है रविवार को देवरुडा गांव में दो बकरियां के मरने की जानकारी मिली है। मृत दोनो बकरियो के क्षत- विक्षत शव के पोस्टमार्टम करने के पश्चात पाया गया कि कोई बड़ा वन्य प्राणी है जिसने इन्हें खाया है। दोनों बकरियो के शरीर पर लगे “केनाइन टीथ” यही संकेत देते हैं। बड़े दांतों के निशान शेर के भी हो सकते हैं। इससे हम इंकार नहीं करते। या किसी अन्य बड़े वन्य प्राणी के भी हो सकते हैं।
पिंजरा लगा दिया है जल्द ही गांव वालों को तेंदुए से निजात मिल जाएगी-
जैसा की बीते कुछ दिनों से गांव में तेंदुए की मुवमेंट होने से रविवार को उज्जैन की रेस्क्यू टीम अपने उड़न दस्ते के साथ पिंजरा लेकर पहुंची। ओर दोलतपुरा के समीप छोटे तालाब के पास नाल मे पिंजरा लगा दिया है। अगर तेंदुए का इधर मूवमेंट होगा तो वन विभाग की टीम रैशक्यु करेगी। अभी तक पांच तेंदूए का मुवमेंट हैं। और यह इलाका भी तेंदुए का ही है। अभी सिर्फ एक पिंजरा ही लगाया गया है। साथ ही आवश्यकता के अनुसार और पिंजरे लगाए जाएंगे। पिंजरे के अंदर तेंदुए को ललचाने के लिए बकरा भी रखा जाएगा। इसी के साथ ही दोबारा देवरुडा गांव में दो बकरियां के शिकार होने कि जानकारी भी मिली है। मौके पर टीम पहुंची है। जांच चल रही है।
सीमा सिंह, रैजर वन विभाग अधिकारी सैलाना।