सकरावदा पंचायत के कपासिया गांव में जलसंकट को दूर करने का जरिया बना “हलमा”

सकरावदा पंचायत के कपासिया गांव में जलसंकट को दूर करने का जरिया बना “हलमा”

रतलाम

24/Jun/2024

रतलाम ब्यूरो चीफ कृष्णकांत मालवीय 

रतलाम जिले के सैलाना जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत सकरावदा के कपासीया गांव में आदिवासी समुदाय द्वारा बड़े ही धूम-धाम के साथ हलमा उत्सव मनाया गया। बतादें की हलमा आदिवासी समुदाय के बीच एक सदियों पुरानी परंपरा है। जिसका उद्देश्य भाई चारे के माध्यम से परमार्थ की भावना को जागृत करके समुदाय के मुद्दों को हल करना है। कपासिया ग्रामवासियों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस को देखते हुए गाँव में पानी की आपूर्ति के लिए ग्राम पंचायत सकरावदा के सरपंच चंपा शांतिलाल मईडा द्वारा टेंकर से करवाई जा रही हैं। पानी की इस समस्या को दूर करने के लिए ग्रामवासियों ने वाग्धारा संस्था के सहयोग से हलमा किया गया। जिसमें तालाब की साफ-सफाई का कार्य किया और तालाब गहरी करण करने का कार्य शुरू किया गया। कार्यक्रम क्रियान्वयन प्रभारी परमेश पाटीदार ने बताया कि हलमा, जिसका अर्थ है ‘मदद के लिए पुकारना’, आदिवासी समुदाय के बीच एक मदद की पारंपरिक प्रथा रही है। प्राचीन समय में लोग अक्सर किसी व्यक्ति या परिवार के घर के निर्माण या मरम्मत तथा सामाजिक कार्य के दौरान मदद करने के लिए स्वेच्छा से आगे आते थे। टीम लीडर चन्द्रकान्त तिवारी ने समुदाय को समझाया कि जिस तरह किसी व्यक्ति को संकट के दौरान हलमा के जरिये सामान्य हालत में लाना संभव है। उसी तरह हलमा के जरिये गांवों की तस्वीर बदली जा सकती है। हलमा के दौरान ग्राम वासियों ने निर्णय लिया की जल संकट ऐसी समस्या हैं। जिसका एक दिन में समाधान नहीं हो सकता हैं। कोई अकेला शख्स खुद अपने दम पर इसे हल नहीं कर सकता है। यह सामूहिक प्रयासों से संभव हैं। ब्लॉक सहजकर्ता पिंकी टेलर तथा समुदाय सहजकर्ता दिव्या, राकेश,मनोज ने बताया कि गंभीर जल संकट से जूझ रहे। ग्रामवासियों के लिए जल संवर्धन और हरियाली की चादर फैलाने में हलमा जैसी मुहिम मील का पत्थर साबित होगी।

 

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