बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रवेश से वंचित, विद्यार्थी व अभिभावक परेशान

बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रवेश से वंचित, विद्यार्थी व अभिभावक परेशान

रतलाम

3/Jul/2024

रतलाम ब्यूरो चीफ कृष्णकांत मालवीय

रतलाम.शिक्षण सत्र 2024-25 में सब कुछ सुहांना नहीं है। मध्यमिक शिक्षा मंडल की प्रवेश नीति से ना केवल रतलाम जिले का सैलाना ही  बल्कि प्रदेश के हजारों-लाखों छात्र-छात्राओं पर गाज गिरी है। दरअसल कक्षा नौवीं में छात्र-छात्राओं के प्रवेश पर आयु के प्रतिबंध ने प्राचार्यो को ऐसे विद्यार्थियों के प्रवेश रोकने के लिए मजबूर कर दिया, जो 13 वर्ष की उम्र के ना हो और नौवीं में प्रवेश चाहते हो। अकेले सैलाना में दिन भर सैकड़ों छात्र-छात्राए अपने अभिभावकों के साथ भटकने के पश्चात निराश, हताश अपने घर लौट रहे हैं। अगर समय पर इस मामले का निराकरण ना हुआ तो सैलाना सहित प्रदेश भर में लाखों विद्यार्थियों का पूरा साल दांव पर लग जाएगा।

इसलिए बनी यह स्थिति-

दरअसल माध्यमिक शिक्षा मंडल की न‌ई प्रवेश नीति में साफ कर दिया गया कि पहली अप्रैल 2024 को जिन विद्यार्थियों की उम्र 13 वर्ष पूर्ण हो, उन्हें ही कक्षा नौवीं में प्रवेश दिया जाए अन्यथा नहीं। यानी जिनका जन्म एक अप्रैल 2011 या उसके पूर्व का हो, वे ही नौवी में प्रवेश के लिए पात्र माने गए। बाकी भले ही इससे कम उम्र के कितने भी प्रतिशत से उत्तीर्ण क्यो न हो? वे प्रवेश के लिए पात्र नही होंगे। बेहद ही ना समझी भरे इस फरमान ने हर क्षेत्र में बड़ी तादाद में नौवीं के छात्र- छात्राओं को व अभिभावको को इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर कर दिया।

अच्छे विद्यार्थी जल्दी कवर करते हैं-

दरअसल प्रतिभावान बच्चे जल्दी पढ़ने लगते हैं। व सारी कक्षाएं उत्तीर्ण करते- करते 12 साल की उम्र में ही नौवी में प्रवेश कर जाते हैं। जब उन्होंने लगभग 9 वर्ष पूर्व पहली में प्रवेश लिया तब मध्यमिक मध्यमिक शिक्षा मंडल ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं थी। जाहिर है वे बढ़ते-बढ़ते आगे आ गए। और अब उन्हें आगे पढ़ने से रोका जा रहा है, तो कितना मानसिक त्रास वे भुगत रहे होंगे। इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

बहुत ही पीड़ा दायक स्थिति –

बहुत ही पीड़ा दायक स्थिति तो वहां भी पैदा हो रही है, जहां उसी संस्था से विद्यार्थी ने आठवीं उत्तीर्ण की हो। पर 13 वर्ष से कम आयु होने के कारण ऐसे बच्चे को स्वयं उन्हीं की उसी संस्था में भी नौवी में प्रवेश नहीं मिल रहा है, जहां से उन्होंने आठवीं उत्तीर्ण की हो। वर्ष भर पूर्व पीएम श्री कन्या स्कूल के रूप में तब्दील हुई संस्था की प्राचार्या सुनीता छजलानी बहुत ही पीड़ा दायक शब्दों में इस समस्या का बखान करती है कि भावना ग्वाले, वैष्णवी कसेरा, अंजली बसोड़, दर्शिता सोलंकी, निर्मला मालवीय, सोफिया बी,सोहना पाटीदार आदि सहित कई छात्राएं हैं जो 13 वर्ष से कम आयु की है। परन्तु हमारे संस्था से ही आठवीं उत्तीर्ण की है। इसके बावजुद हम उन्हें नौवीं में प्रवेश नहीं दे पा रहे हैं। यही हाल आदिवासी विकास विभाग के स्कूल सीएम राइज स्कूल का है। वहां के प्राचार्य वीरेंद्र मिंडा कहते हैं कि करिया निवासी श्री राम पिता समरथ पाटीदार एवं रीछाखोरा निवासी अजय पिता सत्यनारायण म‌ईड़ा सहित ऐसे कई विद्यार्थी कक्षा नौवीं में प्रवेश के लिए भटक रहे हैं, जिनकी आयु उनके प्रवेश में आड़े आ रही है। दोनों छात्र के अभिभावक भी माध्यमिक शिक्षा मंडल की इस अजब-गजब नीति से आहत, परेशान नजर आये। हालांकि मिंडा बताते हैं की फिलहाल हमने ऐसे विद्यार्थियों को सशर्त प्रवेश देने का मन बनाया है। परन्तु यदि माध्यमिक शिक्षा मंडल में ऐसे विद्यार्थियों के नामांकन नहीं हो, तो उनके प्रवेश स्वत: ही रदद् हो जाएंगे। अभिभावको को इस बात की जानकारी दी जा रही है।

गत वर्ष भी उत्पन्न हुई थी, यह समस्या-

प्राचार्य वीरेंद्र मिंडा बताते हैं कि दरअसल यह समस्या गत वर्ष भी उत्पन्न हुई थी। पर हमने उस समय सभी छात्रों को कक्षा नौवी में प्रवेश दे दिये। खासी मशक्कत के पश्चात तब नवंबर 2023 में जाकर माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस शर्त पर सभी ऐसे विद्यार्थियों का नामांकन किया था जो 13 वर्ष कम आयु के हो व नौवीं में प्रवेशित हो। पर उसी समय माध्यमिक शिक्षा मंडल ने साफ कर दिया था की अगले वर्ष किसी भी स्थिति में 13 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थियों को कक्षा नौवी में नामांकन नंबर नहीं दिये जाएंगे। इसलिए इस वर्ष भी इस बात की संभावना है कि 13 वर्ष से कम आयु के नौवी में यदि कोई प्रवेश भी हुऎ हो तो ऐसे विद्यार्थी के नामांकन नहीं होंगे।

निजी विद्यालय भी बाध्य-

ऐसा नहीं है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल के इस आदेश को निजी विद्यालय नजर अंदाज कर जाए। दरअसल उसे भी शासकीय विद्यालयों की तरह ही माध्यमिक शिक्षा मण्डल के हर आदेश को मानना ही होता है। निजी विद्यालय भी इसके लिए बाध्य है। सो वे भी कक्षा नौवीं में 13 वर्षों से कम आयु के विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं दे रहे हैं। स्थिति यह बन रही है कि बड़ी संख्या में हो सकता है ऐसे विद्यार्थियों को इस साल ड्रॉप करना पड़े।

हजारों में हो सकती है, ये संख्या-

अकेले सैलाना अनुविभाग क्षेत्र में ऐसे पीड़ित विद्यार्थियों की संख्या हजारों में भी हो सकती है जिन्हें उम्र के प्रतिबंध के कारण नौवी में प्रवेश नहीं मिल पा रहा हो।

यह गलत है-

मध्यमिक शिक्षा मंडल को सोच समझकर प्रवेश नीति बनाना चाहिए। बड़ी संख्या में ना केवल सैलाना, बल्की पुरे प्रदेश में बच्चे कक्षा नौवीं में प्रवेश से वंचित हो रहे हैं। शिघ्र ही माध्यमिक शिक्षा मंडल इस नीति में सुधार कर विद्यार्थियों अभिभावको को, निजात दिलाएं व आयु के प्रतिबंध को हटाए

हर्ष विजय गेहलोत,पूर्व विधायक

Check Also

सहकारिता से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना आज की आवश्यकता

🔊 Listen to this सहकारिता से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना आज की आवश्यकता रतलाम- जिले …