डेंगू से बचाव संबंधी शपथ समारोह एवं जागरुकता कार्यशालाओं का आयोजन, लाडली उत्सव अंतर्गत लाडली बालिकाओं ने देवास जिले का भ्रमण किया,मनरेगा कार्य स्थलों पर छाया पानी बच्चों के लिए झूला घर की व्यवस्था के निर्देश,

रतलाम,

16/May/2023

स्वास्थ्य विभाग द्वारा 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय डेंगू दिवस की थीम ‘हेम्स पार्टनरशिप टू डिफिट डेंगू’ अर्थात डेंगू को हराने के लिए साझेदारी का उपयोग करें। डेंगू दिवस के आयोजन में आमजन को डेंगू से बचाव संबंधी निर्देश प्रदान करने के साथ-साथ शपथ समारोह एवं जागरुकता कार्यशालाओं का आयोजन जिले के विकासखण्डों से ग्राम स्तर तक किया जाएगा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि डेंगू जागरुकता हेतु अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ-साथ जिले के समस्त विकासखण्डों तथा उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर भी डेंगू दिवस के अवसर पर डेंगू से बचाव हेतु शपथ आयोजित करवाई जाएगी। आशा कार्यकर्ताओं द्वारा डेंगू से बचाव हेतु ग्राम स्तर तक अभियान चलाया जाएगा। ग्राम स्तर पर नारे लेखन कर आमजन को सात दिवस के अन्दर घर पर, आसपास जमा पानी में लार्वा न  पनपे संबंधी दिशा-निर्देशों से अवगत करवाकर पेम्पलेट वितरित किए जाएंगे। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू के नियंत्रण हेतु इसके बारे में जानकारी, लक्षण, उपचार तथा नियंत्रण की जानकारी होना अत्यन्त आवश्यक है

डेंगू क्या है – डेंगू डेन वायरस से फैलने वाला संचारी रोग है जो संक्रमित मादा एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन के समय प्रायः सुबह या शाम के समय ही काटता है।  डेंगू को कोई टीका या दवा नहीं है, मच्छरों के लार्वा का विनिष्टीकरण ही इसका एकमात्र उपाय है। एक बार शरीर में डेन वायरस का संक्रमण होने के बाद डेंगू बुखार के लक्षण 5-6 दिन पश्चात प्रकट होते हैं। इस अवस्था में रोगी को मच्छरदानी में पूर्ण आराम करने, शिकंजी, नींबू पानी, ओआरएस, नारियल पानी, ग्लुकोस आदि द्वारा शरीर में जलापूर्ति की सलाह दी जाती है।

लक्षण – सामान्य प्रकार के डेंगू में तेज सिरदर्द, आंखों के पीछे की ओर दर्द, शरीर पर लाल चकते या दाने, जोडों व पेशियों में दर्द होना दिखाई देता है। डेंगू घातक अवस्था में पहुंचता है तो उक्त लक्षणों के साथ-साथ मसूडों या आंतों में रक्त का स्त्राव होना अथवा खून में प्लेटरेट का कम होना लक्षण पाए जाते हैं।

बचाव – डेंगू मच्छर के लार्वा घर के साथ पानी में पनपते हैं, बचाव हेतु घरों में लंबे समय तक बर्तनों में जल संग्रह न करें, कूलर की पुरानी घास को जला दे क्योंकि पुरानी घास में डेंगू मच्छर के अण्डें सुखी अवस्था में रहते हैं। कूलर का पानी सप्ताह मे एक बार खाली करें। घर के अन्दर रखे बर्तनों, पक्षियों के सिकोरे व मवेशियों को पानी पिलाने की टंकियों व कंटेनरों की सफाई करें। घर के आसपास पानी जमा न होने दें। घर में मच्छर भगाने वाली मेट, काइल, लिक्विड का उपयोग अवश्य करें तथा सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।

रतलाम,

16/May/2023

कलेक्टर श्री नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी के मार्गदर्शन में जिले में 09 मई से 15 मई के मध्य लाडली लक्ष्मी उत्सव अंतर्गत अनेक गतिविधियां आयोजित की जा रही है। इसी तारतम्य में राज्य स्तर से प्राप्त निर्देशानुसार सोमवार को रतलाम जिले केग्रामीण क्षेत्र से चयनित चार लाडली बालिकाओं को संभाग स्तरीय भ्रमण हेतु देवास भेजा गया था। दल में लाडली बालिका टीना पिता नटवर सिंह कक्षा 10 वी ग्राम सालाखेड़ी, दीप्ति पिता अशोक कक्षा 12 वी ग्राम नामली, निशा पिता फकीरचन्द कक्षा 10 वी सम्मिलित रही प्रभारी पर्यवेक्षक श्रीमती रेखा व्यास परियोजना रतलाम ग्रामीण 02 व पर्यवेक्षक श्रीमती पिंकी खेड़े परियोजना रतलाम ग्रामीण के पर्यवेक्षण में बालिकाओं द्वारा भ्रमण किया गया। बालिकाओं को सर्वप्रथम सौरभ दूध डेयरी प्लांट देवास का भ्रमण करवाया गया जहां पर बालिकाओं द्वारा दूध एकत्रीकरण व पैकेजिंग की प्रक्रिया को विस्तारपूर्वक समझा। तत्पश्च्यात बालिकाओं को टेक होम राशन के देवास स्थित खटांबा प्लांट में भ्रमण करवाया गया जिसमें टेक होम राशन की पैकेजिंग व वितरण व्यवस्था की जानकारी ली गई। अंत में लाडली बालिकाओं को सोयाबीन प्लांट का भ्रमण करवाया गया जिसमें प्लांट पर संग्रहण, संधारण व डिस्ट्रीब्यूशन की जानकारी विस्तारपूर्वक दी गई लाडली बालिकाओं द्वारा अपने मामाजी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह को धन्यवाद दिया गया कि उनके द्वारा बालिकाओं हेतु ज्ञानवर्धन अन्य जिले में भ्रमण की व्यवस्था की गई। भ्रमण में उज्जैन संभाग के समस्त जिलों से चयनित बालिकाएं सम्मिलित रही।

रतलाम,

16/May/2023

कलेक्टर श्री नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा चालू ग्रीष्म के दृष्टिगत सभी कार्य एजेंसियों को निर्देशित किया गया है कि मनरेगा योजना अंतर्गत संचालित निर्माण कार्यों पर मजदूरों को गर्मियों में लू से बचाने के संपूर्ण उपाय किए जाएं । मजदूरों के लिए मनरेगा के प्रावधान अनुसार कार्य स्थल पर छाया, ठंडा पानी तथा महिला श्रमिक के साथ के बच्चों के लिए झूला घर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं

 

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