रतलाम,
18/Jan/2024,
सिविल सर्जन डॉ. एम.एस. सागर जिला रतलाम की अध्यक्षता में बाल मृत्यु समीक्षा एम सी एच अस्पताल में बैठक आयोजित की गई। बैठक में नोडल अधिकारी एम.सी.एच. डॉ. आर.सी. डामोर, प्रभारी अधिकारी आई.पी.यू. डॉ. ए.पी. सिंह, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वर्षा कुरील, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अजहर अली, स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं अन्य चिकित्सक व प्रभारी नर्सिंग ऑफिसर्स उपस्थित रही। समीक्षा के दौरान डॉ. सागर द्वारा एस.एन.सी.यू. के वर्ष 2024 के भर्ती एवं मृत्यू आकडे देखे गये , जिसमें उनके द्वारा माह जुलाई से पूर्व जो मृत्यू आकडे 13 प्रतिशत से 18 प्रतिशत थे , जिसको ध्यान में रखते हुए डॉ. सागर द्वारा एस.एन.सी.यू. की कमान डॉक्टर ए.पी. सिंह वरिष्ठ शिशुरोग विशेषज्ञ को सौंप दी थी । डॉ. सिंह के निरन्तर कडी मेहनत एवं प्रोटोकॉल आधारित सेवाओं की मॉनिटरिंग के कारण वही आकडे माह जुलाई 2024 से निरन्तर कम होते हुए 5 प्रतिशत से 6 प्रतिशत तक हो गये है। बैठक के दौरान जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं से रेफर होकर आने वाली प्रसुताओं एवं नवजात शिशुओं के सबंध में सुधारात्मक कार्यवाही के निर्देश दिये गये। बैठक के दौरान निर्देशित किया गया कि जो नवजात शिशु मृत्यु स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं अथवा सेवा प्रदाताओं की लापरवाही के कारण हुई है , उसके संबंध में संबंधी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं आशा कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करते हुए उनके विषय में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
बैठक के पूर्व सिविल सर्जन डॉक्टर एस सागर द्वारा जिला चिकित्सालय के कक्ष क्रमांक 1 में डीपीएम डॉक्टर अजहर अली, सहायक अस्पताल प्रबंधक डॉक्टर शिवम श्रीवास्तव , लेखापाल भारती बैरागी , सौरभ देवड़ा, सहित अन्य विभागीय अधिकारी कर्मचारियों को सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण करने हेतु निर्देशित किया गया। डॉ एम एस सागर ने स्वयं शिकायतकर्ताओं से चर्चा की एवं शिकायतों का निराकरण कराया। इस क्रम में एमसीएच अस्पताल में डॉ. सागर, द्वारा डॉ. ए.पी. सिंह एवं डॉ. डामोर के साथ जन्म मृत्यु कार्यालय का निरीक्षण किया गया । उनके द्वारा शिकायतकर्ता राणजी कटारा के पुत्र के बच्चे का प्रमाण-पत्र नही मिलने के संबंध में सीएम हेल्पलाईन पर शिकायत दर्ज करवाई गई थी। उक्त शिकायत में डॉ. सागर द्वारा जन्म मृत्यु शाखा में स्वयं उपस्थित रहकर शिकायतकर्ता की शिकायत का निराकरण करवाया , साथ ही शिकायत को संतुष्टिपूर्वक बंद भी करवाया गया।
रतलाम,
18/Jan/2024,
सिविल सर्जन डॉ एम एस सागर के निर्देशन में जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्तापूर्ण बढ़ोतरी हो रही है और शासकीय चिकित्सा सेवाओं के प्रति लोगों के मन में विश्वास बढ़ा है।
सिमरन पति अशरफ निवासी वेद व्यास कॉलोनी, रतलाम का प्रसव जिला चिकित्सालय के मातृ एवं शिशु चिकित्सा इकाई में दिनांक 8 दिसंबर 2024 को हुआ था। प्रसव के समय उनको समय पूर्व प्रसव हुआ था । प्रसव के समय नवजात शिशु अत्यधिक कम वजन का हुआ था। नवजात शिशु को सांस लेने की समस्या से गंभीर हालत में नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई रतलाम में भर्ती किया गया । भर्ती के समय नवजात शिशु का वजन मात्र 930 ग्राम था।
शिशु को भर्ती उपरान्त सी पेप मशीन के सपोर्ट से ऑक्सीजन प्रदान किया गया । नवजात की स्थिति बेहद गंभीर थी । बच्चा शॉक में चला गया था । नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आर सी डामोर, डॉ ए पी सिंह, डॉ सोनू कुशवाह, डॉ अरविंद परमार, डॉ रोहित पाटीदार के द्वारा उपचार करते हुए शिशु को फैसिलिटी बेस्ड नियोनेटल केयर अनुसार प्रबंधन जारी रखा। करीब 5 दिन शिशु सी पेप मशीन पर रहा । पीलिया की समस्या के चलते फोटोथेरपी शुरू की गई , एवं करीब 4 दिन शिशु को आईनोट्रॉप सपोर्ट पर रखा गया एवं फर्स्ट लाइन एंटीबायोटिक उपचार दिया गया। नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में पदस्थ नर्सिंग ऑफिसर्स द्वारा 24 घंटे शिशु की देखभाल करते हुए उसे भर्ती के तीसरे दिन से स्तनपान फीडिंग शुरू किया गया एवं आठवे दिन से शिशु को प्रति दिन कंगारू मदर केयर दी गई। दसवें दिन के बाद से बच्चे को प्रतिदिन स्तनपान एवं कंगारू मदर केयर प्रदान की जाती रही। लगभग 38 दिन तक शिशु एसएनसीयू में भर्ती रहा । पिछले दिनों लगातार वजन में वृद्धि हुई , मां दूध पिलाने में सक्षम हुई , बच्चा पूरी तरह स्टेबल होने के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया। डिस्चार्ज के समय शिशु का वजन 1320 ग्राम था। शासकीय अस्पताल की सेवाओं से प्रसन्न होकर सिमरन पति अशरफ निवासी वेदव्यास कॉलोनी रतलाम ने मध्य प्रदेश शासन , सिविल सर्जन डॉक्टर एम एस सागर और चिकित्सको तथा नर्सिंग ऑफिसर , पैरामेडिकल स्टाफ को धन्यवाद दिया है।