रतलाम
10/Apr/2025,
जिले में बढ़ते तापमान को देखते हुये ग्रीष्म ऋतु में लू (तापघात) के प्रकोप से बचाव हेतु एडवायजरी जारी की गई है। लू (तापघात) से बचाव एवं उपचार हेतु जारी एडवायजरी में दिये गये सुझावों का पालन करें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संध्या बेलसरे ने नागरिकों से अपील की है कि लू (तापघात) के लक्षण दिखाई देते ही निकट के अस्पताल में संपर्क कर आवश्यक दवा का उपयोग सुनिश्चित करें। लू (तापघात) के प्रकोप से बचाव के उपाय करें। उन्होंने बताया कि ग्रीष्म ऋतु में लू लगने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। वृद्ध, बच्चे, खिलाड़ी, धूप में काम करने वाले श्रमिक सर्वाधिक खतरे में रहते हैं। पसीना न आना, गर्म-लाल एवं शुष्क त्वचा, मतली, सिरदर्द, थकान, चक्कर आना, उल्टियां होना, बेहोश हो जाना एवं पुतलियां छोटी हो जाना लू (तापघात) के प्रमुख लक्षण एवं संकेत हैं।
गर्मी व लू से बचाव के लिए गर्मी व तापघात से बचाव के लिए खूब पानी पीये व खाली पेट न रहें, शराब व चाय-कॉफी के अधिक सेवन से बचें, ठण्डे पानी से नहाएं, सर ढके व हल्के रंग के ढीले व पूरी बांह के कपड़े पहने, बच्चों को बंद वाहनों में अकेला न छोड़े, दिन में 12 से 04 के मध्य बाहर जाने से बचें, धूप में नंगे पाँव न चलें, बहुत अधिक भारी कार्य न करें। बाहर निकलना आवश्यक हो तो छतरी व धूप के चश्मे का उपयोग करें, धूप में निकलने से पहले कम से कम दो गिलास पानी अवश्य पीये, बुखार व लू लगने पर निकट के अस्पताल में संपर्क कर आवश्यक दवा का उपयोग सुनिश्चित करें। ओ.आर.एस. का घोल, नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी, फलों का रस इत्यादि का सेवन लाभदायक होता है। इनका सभी उपायों का उपयोग कर गर्मी के प्रभाव से बचा जा सकता हैं।
रतलाम
10/Apr/2025,
कलेक्टर राजेश बाथम के निर्देशानुसार अपर कलेक्टर डा. शालिनी श्रीवास्तव ने भीषण गर्मी एवं तापमान में वृद्धि के दृष्टिगत जिले के अन्तर्गत संचालित समस्त शासकीय, अशासकीय, सीबीएसई, आईसीएसई, माध्यम शिक्षा मण्डल एवं समस्त बोर्ड से सम्बद्ध विद्यालयों का कक्षा नर्सरी से 12 वीं तक के विद्यार्थियों हेतु संचालन का समय प्रातः 7.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक नियत किया गया है।
रतलाम
10/Apr/2025,
कलेक्टर राजेश बाथम के निर्देश पर अपर कलेक्टर डा. शालिनी श्रीवास्तव ने नरवाई प्रबंधन हेतु निगरानी दल का गठन किया है। अपर कलेक्टर डा. श्रीवास्तव द्वारा जिले में नरवाई प्रबंधन प्रचार प्रसार हेतु रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया।
जारी आदेश के अनुसार नरवाई प्रबंधन हेतु समुचित मात्रा में प्रत्येक विकासखण्ड में हैप्पी सीडर/सुपर सीडर की स्वीकृति, उपलब्धता सहायक कृषि यंत्री सुनिश्चित करेंगे। गठित निगरानी दल में संबंधित क्षेत्र के नायब तहसीलदार, कृषि विस्तार अधिकारी तथा थाना प्रभारी, पटवारी तथा कोटवार को शामिल किया गया है। सेटेलाइट से प्राप्त प्रतिदिन की घटनाएं उपसंचालक कृषि के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। जानकारी प्राप्त होने के 48 घंटे के भीतर निगरानी दल द्वारा स्थल पर पहुंचकर पंचनामा तैयार कर तहसील कार्यालय को प्रस्तुत किया जाएगा तथा तहसीलदार संबंधित अपचारी कृषकों को युक्तियुक्त अवसर प्रदान कर एवं सुनवाई कर 15 दिवस के अन्दर अर्थदण्ड अधिरोपित करेंगे।
उक्त आदेश का पालन कराए जाने तथा उल्लंघन की स्थिति निर्मित न हो, इस हेतु पर्यवेक्षण दल का भी गठन किया गया है जिसमें संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी, अनुविभागीय कृषि अधिकारी तथा वरिष्ठ विकास अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। गठित दल द्वारा नरवाई में आग लगाने के दोषी कृषको के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
जिला स्तरीय मानिटरिंग दल में पर्यवेक्षक दल के सदस्य, अपर कलेक्टर एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट अध्यक्ष, उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास सदस्य, सहायक कृषि यंत्री किसान कल्याण तथा कृषि विकास सदस्य मनोनीत किए गए हैं।