प्राचीन धरोहर गुलाब चक्कर परिसर में दो ओपन एयर रेस्टोरेंट का होगा संचालन, प्रोटोकॉल आधारित सेवा से शिशु की जान बचाई गई, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एमएस सागर ने हरी झण्डी दिखा कर एम्बुलेंस को रवाना किया,

रतलाम

03/Apr/2025,

कलेक्टर राजेश बाथम ने बताया कि प्राचीन धरोहर का सौंदर्यीकरण कर पर्यटन एवं मनोरंजन के क्षेत्र में आम नागरिकों को विशेष सौगात उपलब्ध कराई जा रही है। प्राचीन धरोहर गुलाब चक्कर का जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण कार्य जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद रतलाम द्वारा कराया गया है। गुलाब चक्कर परिसर में दो ओपन एयर रेस्टोरेंट का संचालन किया जाएगा जिसके लिए जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद रतलाम द्वारा 16 अप्रैल 2025 को दोपहर 12:00 बजे तक पृथक दो ऑनलाइन वित्तीय प्रस्ताव आमंत्रित किए गए है जिसकी जानकारी http://mptenders.gov.in  और https://ratlam.nic.in  पर देखी जा सकती है। प्रत्येक रेस्टोरेंट हेतु 1400 वर्गफीट स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। रेस्टोरेंट में पर्यटक/रतलामवासी पारिवारिक माहोल में शुद्ध शाकाहारी भारतीय व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे। गुलाब चक्कर में विशेष कलर लाईटिंग, साउण्ड की व्यवस्था की गई है।

गुलाब चक्कर में गुम्बदाकार परिसर के उपयोग हेतु कलेक्टर राजेश बाथम द्वारा नीति निर्धारण की गई है जिसके अनुसार परिसर में सार्वजनिक जनहित के कार्यक्रम आयोजित किए जाएगें। परिसर में समस्त वही कार्यक्रम अनुमत होंगे जिनमें सर्वजन की सहभागी हो सके अर्थात किसी भी धर्म, समाज, वर्ग विशेष के कार्यक्रम उक्त परिसर में नहीं हो सकेगें।कार्यक्रम में किसी भी व्यक्ति का प्रवेश बंधित नहीं किया जाएगा। केवल वही व्यक्ति प्रतिबंधित किए जाऐंगें जिनसें कार्यक्रम में विघ्न अथवा शांतिभंग की आशंका हो। गुलाब चक्कर परिसर में योग, शारीरिक स्वास्थ्य, खेल आदि के लिए नियमित रूप से क्लासेज आदि चलाने की अनुमति दी जा सकेगी। गुलाब चक्कर परिसर में समय समय पर जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद रतलाम मेला, फूड मेला, प्रदर्शनी आयोजित करने की अनुमति प्रदान की जाएगी। आयोजक को गुलाब चक्कर परिसर के मूल स्वरूप से छेडछाड की अनुमति नहीं होगी और न वे कार्यक्रम के अतिरिक्त अन्य विषयक फ्लैग बैनर लगा सकेगें। आयोजक को लाउडस्पीकर की धीमी आवाज में केवल गुलाब चक्कर के गुम्बदाकार परिसर के भीतर उपयोग करने की अनुमति रहेगी। परिसर को गीत संगीत कार्यक्रम एवं एकल नाटक, लोक नाटक, साहित्यिक गोष्ठी, खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी, हस्तकरद्या प्रदर्शनी मेला, कला प्रदर्शनी, पेंटिंग प्रदर्शनी, पुस्तक मेला, शिल्प मेला, फूड मेला , लाफ्टर शो, कवि सम्मेलन, छायाचित्र प्रदर्शनी, बच्चों के लिए हॉबी क्लासेस, समर केम्प आदि के लिए दिया जा सकेगा। किसी भी स्थिति में उक्त परिसर में व्यक्तिगत कार्यक्रम आयोजित नही किया जाएगें। प्रथम तीन माह तक उक्त सभी गतिविधियों के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। केवल परिसर की साफ सफाई के लिए न्यूनतम राशि जमा करानी होगी। तीन माह के पश्चात जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद रतलाम के द्वारा परिसर के उपयोग हेतु निर्धारित शुल्क लिया जाएगा। उक्त कार्यो के लिए कलेक्टोरेट के कक्ष क्रमांक 204, 205 में जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद रतलाम के कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है।

रतलाम

03/Apr/2025,

सिविल सर्जन डॉ एमएस सागर ने बताया कि प्रमिता/संदीप निवासी भामट, शिवगढ़, सैलाना, रतलाम दिनांक 17 फरवरी 2025  को  समय पूर्व डिलेवरी हुई। शिशु को  अत्यधिक कम वजन, शॉक एवं सांस लेने की समस्या से गंभीर हालत में एसएनसीयू रतलाम में भर्ती किया गया । भर्ती के समय उसका वजन’ ’1090 ग्राम था। बच्चे को सिविल सर्जन डॉ एमएस सागर के मार्गदर्शन मे प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ  ए पी सिंह के नेतृत्व में एसएनसीयू की टीम डॉ अरविन्द परमार, डॉ सोनू कुशवाह, डॉ रोहित पाटीदार एवं प्रभारी नर्सिंग ऑफिसर सुश्री भारती गहलोत एवं अन्य नर्सिंग ऑफिसर द्वारा एफबीएनसी गाइडलाइंस अनुसार उपचार शुरू किया गया।

बच्चे को भर्ती उपरान्त सीपेप मशीन के सपोर्ट से ऑक्सीजन प्रदान किया गया, शिशु की स्थिति गंभीर थी, बच्चा शॉक में चला गया। जिसके चलते बच्चे को एफबीएनसी फेसिलिटी बेस्ड नियो नेटल केयर अनुसार प्रबंधन जारी रखा। अगले दिन बच्चे की खून की जांचे कराई गई । करीब 4 दिन बच्चा सीपेप मशीन पर रहा, पीलिया की समस्या के चलते 5 वे दिन फोटोथेरपी लगाई गई एवं करीब 8 दिन बच्चे को आईनोट्रॉप सपोर्ट पर रखा गया एवं गाइडलाइन अनुसार एंटीबायोटिक दी गई।

बच्चे को भर्ती के तीसरे दिन से फीड शुरू की गई एवं 8वे दिन से बच्चे को प्रति दिन कंगारू मदर केयर दी गई जो कि लगभग 30 दिन चली। दसवें दिन के बाद से बच्चे को प्रतिदिन फीडिंग एवं कंगारू मदर केयर प्रदान की जाती रही। करीब 38 दिन तक बच्चा एसएनसीयू में भर्ती रहा । पिछले दिनों लगातार वजन में वृद्धि हुई, मां दूध पिलाने में सक्षम हुई, बच्चा पूरी तरह स्टेबल होने के उपरान्त दिनांक 26 मार्च को डिस्चार्ज किया गया।

डिस्चार्ज के समय बच्चे का वजन ’1440 ग्राम’ था। बच्चे के परिजनों ने एसएनसीयू के समस्त डॉक्टर एवं नर्सिंग ऑफिसर का आभार व्यक्त किया।

रतलाम

03/Apr/2025,

परिवार एजुकेशन सोसाइटी एक मानवतावादी संस्था हैं,जो कि श्री रामकृष्ण और स्वामी विवेकानंद जी के आध्यात्मिक एवं मानवतावादी आदर्शों से प्रेरित हैं। वर्ष 2016 में परिवार संस्था ने अपना कार्य शुरू किया।

वर्तमान में संस्था द्वारा प्रदेश के विभिन्न आदिवासी व पिछड़े क्षेत्रों में सेवाएँ दी जा रहीं हैं। 24×7 निःशुल्क एम्बुलेंस सुविधा,प्रदेश के 23 जिलों के आदिवासी क्षेत्रों में निःशुल्क 94 एम्बुलेंस का संचालन किया जा रहा है।

मोबाइल मेडिकल क्लिनिक 11 जिलों के आदिवासी क्षेत्रों में 28 क्लिनिक के माध्यम से डॉक्टरों द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं दवाई वितरण का कार्य किया जा रहा है। रतलाम में परिवार संस्था द्वारा 24×7 निःशुल्क 04 एम्बुलेंस’ सेवा चल रहीं हैं। बाजना, सैलाना ब्लॉक के दूरस्थ व पिछड़े क्षेत्रों में सेवाएँ दी जा रहीं हैं। इस क्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी डॉ एमएस सागर ने परिवार संस्था द्वारा संचालित एम्बुलेंस को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

परिवार संस्था द्वारा बाजना ब्लॉक के रावटी क्षेत्र के क़रीब ’60’ गाँवों के लिए निःशुल्क मोबाइल मेडिकल क्लिनिक सेवा शुरू की गई हैं,जिसमें डॉक्टर द्वारा हर दिन एम्बुलेंस वेन से जाकर 3 से 4 गाँव में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं,उपचार दिया जाएगा एवं लोगो को स्वास्थ्य सुविधाओं से जोड़कर उनको लाभ दिलवाने का कार्य किया जाएगा व क्रिटिकल पेशेंट को हायर सेंटर परिवार एम्बुलेंस के माध्यम से पेशेंट को लाकर अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा एवं उनके उपचार हेतु जरूरत अनुसार हर संभव मदद की जाएगी।

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