कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की प्रगति जानी

कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की प्रगति जानी

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आशा साथ मिलकर काम करें -कलेक्टर मिशा सिंह

रतलाम- कलेक्टर मिशा सिंह ने स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के बाद आज महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में बैठक की। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी राधेश्याम बुधौलिया ने बताया कि जिले में 10 परियोजना अंतर्गत 67 सेक्टर द्वारा 2103 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और 1957 आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से सेवाएं प्रदान की जा रही है।

उन्होंने स्पॉन्सरशिप योजना, मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना, पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन, दत्तक ग्रहण संबंधी मामले, रतलाम और जावरा में संचालित सखी वन स्टाप सेंटर, मिशन शक्ति हब फॉर एमपॉवरमेंट ऑफ़ वोमेन, लाडली बहना योजना, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस, बाल संरक्षण केंद्र , प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, पोषण आहार, टेक होम राशन, कुपोषण अंतर्गत अति गंभीर कुपोषण एवं मॉडरेट कुपोषण , पोषण वाटिका , सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चे रुक कर सेवाएं प्राप्त करें, विभागीय योजनाओं में लाभांवित बच्चों को अनिवार्य रूप से शिक्षा उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। आंगनवाड़ी सहायिका एवं कार्यकर्ता के रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में दावे आपत्ति का निराकरण किया जाए। स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास विभाग के मैदानी कर्मचारी साथ मिलकर काम करें और संयुक्त रूप से सेवाएं प्रदान करें। नवाचार के रूप में सखी चैट बोट बनाने का कार्य करें और इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और महिलाओं को कानूनी अधिकार संबंधी जानकारी के प्रश्नों के उत्तर भी सम्मिलित किया जाए, ताकि महिलाएं एक क्लिक पर अपने प्रश्नों का समाधान प्राप्त कर सके। जिले के सभी बच्चों की लाइन लिस्टिंग करके शिक्षा विभाग की योजनाएं, स्वास्थ्य विभाग की योजनाएं, बच्चों की फाइनेंशियल सिक्योरिटी आदि के लिए पुख्ता कार्य योजना बनाकर कार्य किया जाए।

उन्होंने कहा कि विशेष कर सैलाना बाजना क्षेत्र में महिलाओं का विवाह होते ही नव विवाहितों की स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्क्रीनिंग की जाए एवं इनमें सिकल सेल एनीमिया सहित स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए ताकि गर्भावस्था के समय दंपति को किसी प्रकार की परेशानी ना हो। समग्र आईडी संबंधी समस्या के लिए नगर पालिका निगम और जिला पंचायत से आवश्यक समन्वय स्थापित कर विभागीय योजनाओं में लाभ दिया जाए। पोषण संबंधी गतिविधियों के लिए साप्ताहिक रूप से अलग-अलग अनाज की रोटियां बना कर उपयोग की जा सकती है। पोषण विविधता के लिए पोषण वाटिका में ऐसे पौधे लगाए जाए जो जल्दी उत्पादन देते हैं , इनमें मुख्य रूप से टमाटर, पालक, मेथी लगाए। कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों की प्रकरणवार समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा की पोषण पुनर्वास केंद्र का वातावरण बाल सुलभ होना चाहिए , उनके द्वारा शीघ्र ही जिले के पोषण पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया जाएगा।

कलेक्टर ने महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत संचालित पोषण ट्रैकर सॉफ्टवेयर में दर्ज सभी प्रकार की जानकारी का अत्यंत सूक्ष्म अवलोकन किया और निर्देशित किया की सभी गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को ट्रैक करके उनकी प्रविष्टि की जाए तथा सेवाएं प्रदान की जाए। उन्होंने सभी अधिकारियों से कार्यक्रमों की प्रगति में सुधार के संबंध में सुझाव लिए। बैठक के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग के सहायक संचालक, सीडीपीओ, सुपरवाइजर एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।

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