जिला प्रशासन सक्ती की शक्ति को क्षीण करता ओवरलोडिंग सक्ती बीते कुछ महीनों पहले कांग्रेस जिला अध्यक्ष व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस नेता चोलेश्वर चंद्राकर ने ओवरलोड वाहनों पर कार्यवाही के लिए प्रशासन को जगाने रात को सड़क पर उतरे

छत्तीसगढ़,

महेंद्र बघेल स्टेट ब्यूरो छत्तीसगढ़,

05 नवंबर 2022,

जिला प्रशासन सक्ती की शक्ति को क्षीण करता ओवरलोडिंग सक्ती। बीते कुछ महीनों पहले कांग्रेस जिला अध्यक्ष व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस नेता चोलेश्वर चंद्राकर ने ओवरलोड वाहनों पर कार्यवाही के लिए प्रशासन को जगाने रात को सड़क पर उतरे थे। ओवरलोडिंग गाड़ियों का विरोध करना इस कांग्रेस नेता को भारी पड़ गया। ओवरलोडिंग गाड़ियों के संचालन में लगे कांग्रेस के ही कुछ छुट्ट भईया नेताओं ने मुख्यमंत्री के करीबी के खिलाफ ही मोर्चा खोलकर झूठे आरोप मढ़ने लगे। फलस्वरूप कांग्रेस जिला अध्यक्ष को अपना कुर्सी गंवाना पड़ा। ओवरलोडिंग गाड़ियों के विरोध के बाद कुछ दिनों तक गाडियां सही सलामत लोडिंग के साथ चला। उसके बाद फिर से ओवरलोडिंग का खेल शुरू हुआ। इस बार दबंगों द्वारा फूल दबंगई के साथ क्षमता से दुगुना गाड़ियों का लोडिंग कर लापरवाही पूर्वक गाड़ियों का संचालन शुरू हुआ। किसी के विरोध करने पर उदाहरण स्वरूप उस वीडियो को दिखाया जाता जिसमे पूर्व जिला अध्यक्ष के खिलाफ ट्रांसपोर्टर झूमा झपटी करते हुए उनके ऊपर दबाव बनाने का कार्य किया जा रहा था। यह वीडियो सोशल मीडिया में भी खूब वायरल हुआ था। नवीन जिला सक्ती का जिला मुख्यालय जेठा से लगे बाराद्वार क्षेत्र और जिला मुख्यालय जेठा से होकर गुजरने वाली ओवरलोडिंग डोलोमाइट पत्थर से भरे गाडियां दिन रात रफ्तार भरे दौड़ लगा रही है। पर मजाल है कि कोई अधिकारी इस ओवरलोडिंग गाड़ियों की तरफ आंख उठाकर देख सके। बाराद्वार के जैजैपुर चौक में समय समय पर तीन सवारी और गाड़ियों की कागज चेकिंग के नाम पर बाराद्वार पुलिस जांच करने बैठ जाती है। वहीं इसी जैजैपुर चौक से प्रतिदिन डोलोमाइट से भरे सैकड़ों ओवरलोड गाडियां दिन रात फर्राटे भर रही है। जिस पर कभी भी बाराद्वार पुलिस की नजर नहीं पड़ती यह कितनी विडंबना की बात है। डोलोमाइट से लदे ओवरलोड गाड़ियों की दिन रात संचालन ने नवीन जिला प्रशासन सक्ती की शक्ति को दर्शाने के लिए पर्याप्त है। जनता ने जिस उम्मीद से नवीन जिला बनने की खुशी मनाया था। अब उतनी ही निराशा जनता के हाथ लग रही है।

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