रतलाम जिले में गुरुवार को नाम निर्देशन पत्र दाखिल किए गए -धार्मिक स्थलों में सभा करने या प्रचार करने की नहीं होगी अनुमति-बेरिकेट्स और मंच आदि का खर्च प्रत्याशी के खाते में जुड़ेगा-वेबसाईट पर भी देख सकते हैं नाम निर्देशन पत्र भरने वाले अभ्यर्थियों के शपथ पत्र-अभ्यर्थियों को अपने अपराधिक रिकार्ड प्रकाशित करने होंगे-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर मतदान के आखिरी 48 घंटे की अवधि के दौरान विज्ञापन पर पूर्णत रोक-

रतलाम,

27/ Oct /2023,

विधानसभा निर्वाचन 2023 का अंतर्गत रतलाम जिले में गुरुवार को नाम निर्देशन पत्र दाखिल किए गए। इसके अंतर्गत रतलाम शहर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र रतलाम शहर से भारतीय जनता पार्टी से चेतन्य काश्यप द्वारा नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया गया। इसी प्रकार रतलाम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र रतलाम ग्रामीण से भारतीय जनता पार्टी के मथुरालाल डामर द्वारा नाम रजिस्ट्रेशन पत्र दाखिल किया गया। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र जावरा से बहुजन समाज पार्टी से दशरथ आंजना तथा निर्दलीय जीवनसिंह द्वारा अपने नाम दर्शन पत्र दाखिल किए गए। इसके अलावा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आलोट से भारतीय जनता पार्टी से डा. चिंतामणि मालवी द्वारा नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया गया।r

रतलाम,

27/ Oct /2023,

विधानसभा निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान राजनैतिक दल अथवा उम्मीदवारों को किसी भी धार्मिक स्थान में राजनैतिक सभा करने अथवा किसी भी माध्यम से प्रचार करने की अनुमति नहीं होगी। आयोग के इस निर्देश का उल्लंघन करने पर संबन्धित रिटर्निंग अधिकारी नियमानुसार दंडात्मक कार्यवाही कर सकेंगे। दलों एवं उम्मीदवारों को लाउडस्पीकर चलाने की अनुमति में यह ध्यान रखना होगा कि अनुमति की शर्तों का किसी भी तरह उल्लंघन हो।

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27/Oct /2023,

कोई भी राजनैतिक नेता दलीय प्रचार से हटकर किसी अभ्यर्थी के पक्ष में प्रचार-प्रसार करता है तब उस कार्यक्रम पर किया गया व्यय उम्मीदवार के खाते में डाल दिया जायेगा। दलों और आयोजकों के द्वारा किये जाने वाले कार्यक्रम सुरक्षा प्रबंध को ध्यान में रखते हुए सरकारी एजेन्सियों द्वारा बैरीकेट या मंच इत्यादि का निर्माण किया जाता है, तब उस निर्वाचन क्षेत्र से लड़ रहे उम्मीदवार के खाते में व्यय डाला जायेगा। यदि उस कार्यक्रम में अन्य क्षेत्र के अभ्यर्थी भी सम्मिलित होते हैं तो उनका व्यय भार समान रूप में बांटा जायेगा। बेरीकेट या मंच आदि पर सरकारी एजेन्सियों द्वारा किये गये व्यय की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा तीन दिवस में उम्मीदवार को दी जायेगी जिसे उनके खाते में डाला जाएगा। जब उम्मीदवार, राजनैतिक नेता अथवा आयोजक स्वयं के खर्चे से मंच अथवा बेरीकेट का निर्माण करता है तो उस कार्यक्रम में उपस्थित उम्मीदवार के खाते में राशि दर्शायी जायेगी इस राशि का सत्यापन नामित अधिकारी द्वारा किया जायेगा। जहां सरकारी एजेन्सियों द्वारा मंच आदि का निर्माण किया जाता है। ऐसी स्थिति में उम्मीदवार, राजनैतिक नेता अथवा आयोजक पूर्व से अनुमानित राशि जमा करेगा।

रतलाम

27 /Oct/2023

विधानसभा निर्वाचन में अभ्यर्थियों द्वारा भरे जाने वाले नाम निर्देशन पत्र के साथ शपथ पत्र फार्म 26 का आयोग के निर्देशानुसार चिन्हित स्थानों एवं वेबसाइट में प्रदर्शित किया जा रहा है। शपथ पत्र को राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाईट www ceomadhyapradesh-nic-in esa affidavits में जाकर देखा जा सकता है।

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27/Oct /2023

विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए नामांकन फार्म दाखिल करने वाले अभ्यर्थियों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड को उजागर करने होंगे। इसके लिए उन्हें 3 समाचार पत्रों एवं 3 टीवी चैनलों में अपने अपराधिक रिकार्ड को प्रकाशित एवं प्रसारित करवाना होगा। यह प्रकाशन 3 नवंबर से 15 नवंबर तक प्रकाशित करने होंगे। अगर किसी समाचार में पैड न्यूज़ पाई जाती है। तो 96 घंटे के भीतर उम्मीदवार को नोटिस आरओ द्वारा जारी किया जाएगा। नोटिस जारी करने के पश्चात उम्मीदवार को 48 घंटे के अंदर अपना जवाब प्रस्तुत करना होगा। पैड न्यूज मामले के निर्णय प्रेस काउंसिल आफ इंडिया एवं नेशनल ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी द्वारा किए जाते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को प्रमाणन की आवश्यकता होगी। वहीं प्रिंट मीडिया को चुनाव के 48 घंटे पूर्व प्रमाणीकरण की आवश्यकता होगी। उम्मीदवार को नामांकन दाखिल करते समय अपनी सोशल मीडिया अकाउंट्स के बारे में जानकारी प्रदान करनी होगी। विज्ञापनों पर प्रकाशक मुद्रक का नाम होना अनिवार्य है। प्रकाशक मुद्रक का नाम न होने पर आरपी एक्ट 1951 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी। बिना प्रमाणीकरण के विज्ञापन प्रकाशित एवं प्रसारित करने पर केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम 1995 की धारा 12 के तहत उपकरण जप्त किए जा सकते हैं। प्रिंट मीडिया अभ्यर्थी की अनुमति के बगैर विज्ञापन प्रकाशित नहीं कर सकता। भारतीय दंड संहिता की धारा 171 एच के अनुसार चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति की अनुमति के बिना विज्ञापनों पर किया जाने वाला में व्यय निषेध माना गया है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को मतदान के आखरी 48 घंटे की अवधि के दौरान किसी भी प्रकार का चुनाव प्रचार नहीं करना है। आरपी अधिनियम 1951 की धारा 126 के तहत यह एक कानूनी अपराध है।

रतलाम,

27/ Oct./2023

आरपी अधिनियम 1951 धारा 126 किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान के समापन के आखिरी 48 घंटे की अवधि के दौरान टेलीविजन या इसी तरह के उपकरण के माध्यम से किसी भी चुनाव मामले को प्रसारित करने पर रोक लगाती हैं धारा 126 के उपयुक्त प्रावधानों का उल्लंघन पर 2 साल की अवधि कारावास या दंड या दोनों हो सकते हैं।

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