रतलाम
30 जून 2023
आनंद ग्राम अमलेटा में आनंद विभाग रतलाम और सरपंच वीरेंद्र सिंह राठौर के सहयोग से कुल 2 आनंदम केंद्र का शुभारंभ किया गया। इस दौरान कई लोगों ने केंद्र के लिए वस्तुओं को दान किया। केंद्र में दान से प्राप्त की गई वस्तुओं को जरूरतमंद लोगों को भेंट किया जाएगा। आनंद विभाग की जिला समन्वयक सीमा अग्निहोत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने महसूस किया है कि समाज के हर वर्ग को आनंद का अनुभव होना चाहिए। इसके लिए आनंद विभाग के द्वारा आनंदम केंद्र संचालित किए जाते हैं। समाज के जिस व्यक्ति के पास जरूरत से ज्यादा कोई चीज हो, वह उसे दान कर सकता है। जरूरतमंद व्यक्ति वहां से अपनी आवश्यकता की वस्तु उठाकर ले जा सकता है। यह व्यवस्था निरंतर चलती रहेगी। आनंद ग्राम अमलेटा में 2 आनंदम केंद्र खोले गए हैं। एक आनंदम केंद्र नई आबादी स्थित आंगनवाड़ी में खोला गया है। कार्यकर्ता रंभा ने बताया कि गांव में जो संपन्न परिवार हैं,वो यहां पहले भी कपड़े दे जाते थे। अब आनंदम केंद्र बनने से लेने वाले भी आते रहेंगे। दूसरा आनंदम केंद्र धौंसवास के रास्ते पर संचालित आंगनवाड़ी केंद्र 2 को बनाया गया है। संचालिका राजकुमारी ने बताया कि यहां बहुत सारे छोटे बच्चे हैं,जिनको खिलौने की चाहत रहती है।इस आनंदम केंद्र पर खिलौने उपलब्ध होंगे तो बच्चों को आनंद आएगा। अमलेटा के सरपंच वीरेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि गांव में सभी सद्भाव से रहते हैं। धार्मिक प्रवृत्ति के लोग दान में रुचि लेते हैं,इसलिए ये सतत चलता रहेगा। इस अवसर पर आनंद विभाग के मास्टर ट्रेनर गिरीश सारस्वत, मधु परिहार, सुरेंद्र अग्निहोत्री, ईश्वर सिंह राठौर उपस्थित थे। मप्र राज्य आनंद संस्थान द्वारा प्रति शुक्रवार आनंद सभा संचालित की जाती है। मास्टर ट्रेनर पुष्पेंद्र सिंह सिसौदिया द्वारा अमलेटा के बच्चो को इसमें शामिल किया जाता है। विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अमलेटा को एक आदर्श ग्राम में विकसित किया जा रहा है।
रतलाम
30 जून 2023
रतलाम जिले में प्रथम फव्वारा पद्धति से निर्मित कोटेश्वर इमलीपाड़ा सिंचाई तालाब का फायदा 2000 से अधिक किसान परिवारों उठा रहे हैं। यह महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना लगभग 22 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का सशक्त माध्यम बनी है। कोटेश्वर तालाब का निर्माण शासन द्वारा 69 करोड़ 63 लाख रुपए वहन करके किसानों की सिंचाई सुविधा के लिए किया गया है। रतलाम तहसील के ग्रामीण क्षेत्र के करीब13 गांव तालाब से लाभान्वित हो रहे हैं। यह सिंचाई परियोजना इमलीपाड़ा गांव के अलावा रावलिया, खेड़ा खेड़ी, पीपलोदी, बावड़ीखेड़ा, पीपलखूंटा, उमरन, पिपलीपाड़ा, बसंतपुरा, कुण्डालपाड़ा एवं गुजरपाड़ा के 2354 किसान परिवारों के लिए वरदान बनी है। तालाब निर्माण के पूर्व क्षेत्र के किसानों द्वारा परंपरागत खेती की जाती थी परंतु तालाब निर्माण हो जाने के बाद अब किसान अमरुद, नींबू, पपीता जैसी ने उद्यानिकी फसल लेने में भी सक्षम हो गए हैं। अब क्षेत्र में उद्यानिकी खेती भी बहुत तादाद से की जा रही है। क्षेत्र के कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है। आसपास के भूजल स्तर में अपेक्षित वृद्धि हो गई है। मछली पालन रोजगार की सुविधा एवं मवेशियों को पीने का पानी उपलब्ध हो रहा है। दबावयुक्त सिंचाई प्रणाली से सिंचाई करने पर पानी की खपत कम होती है तथा किसान को सिंचाई के लिए ज्यादा मात्रा में पानी उपलब्ध रहता है। कोटेश्वर सिंचाई तालाब की अधिकतम ऊंचाई 23.25 मीटर है, कुल जल भराव क्षमता 10 घनमीटर की है।