रतलाम,
21 जून 2022,
जिले में त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन का प्रथम चरण आलोट जनपद पंचायत में संपन्न होगा। इसकी तैयारियों को लेकर निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक डॉ. अशोक भार्गव ने जानकारी प्राप्त की। जिला निर्वाचन अधिकारी नरेंद्र सूर्यवंशी तथा पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी द्वारा आलोट जनपद पंचायत में पंचायत निर्वाचन की तैयारियों से प्रेक्षक को अवगत कराया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील पाटीदार भी उपस्थित थे। आलोट जनपद पंचायत में निर्वाचन तैयारियों संबंधी पुस्तिका पुलिस विभाग द्वारा तैयार की गई है जिसमें कानून व्यवस्था से लेकर प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियों की जानकारी दी गई है। उक्त पुस्तिका का अवलोकन प्रेक्षक द्वारा किया गया चूँकि आलोट राजस्थान सीमा से लगा हुआ है इसलिए प्रेक्षक द्वारा कहा गया कि निर्वाचन से पूर्व रतलाम जिले के अधिकारी सीमावर्ती राजस्थान के अधिकारियों के साथ बैठक करके जानकारियों का आदान-प्रदान करें। निर्भीक एवं निर्विघ्न निर्वाचन सुनिश्चित किया जाए। अंतर जिला तथा अंतर राज्यीय बैठके आयोजित की जाए, सीमा पर चेकिंग की पुख्ता व्यवस्था की जाए, आवश्यक संख्या में नाके लगाए जाए। आचार संहिता का शत-प्रतिशत पालन निर्वाचन के दौरान किया जाना है। अपराधिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई की जानकारी भी प्राप्त की। बताया गया कि आलोट जनपद पंचायत में त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है, मतदान केंद्र तैयार हैं। प्रशिक्षित मतदान दलों द्वारा निष्पक्ष निर्वाचन की तैयारी की गई है। मोबाइल दल, वीएसटी, वीवीटी, क्यूआरटी दल लगातार भ्रमण करेंगे, धन की आवाजाही पर नजर रखी जाएगी। निर्वाचन सम्बन्धी अन्य बिन्दुओ पर भी गहन समीक्षा की गई। आलोट जनपद पंचायत क्षेत्र में निर्वाचन की तैयारियो को लेकर एक बैठक 21 जून को आलोट में आयोजित की गई है जिसमे प्रेक्षक, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक भी उपस्थित रहेंगे।
रतलाम,
21 जून 2022,
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकाय निर्वाचन के लिए मुक्त निर्वाचन प्रतीक निर्धारित कर दिए गए हैं। यह मुक्त निर्वाचन प्रतीक उन प्रतीकों के अतिरिक्त होंगे, जो भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के लिए आरक्षित हैं।
महापौर के लिए विहित मुक्त निर्वाचन प्रतीक,
नल, टेबल पंखा, गुब्बारा, स्लेट,बिजली का स्विच, कांच का गिलास, रेडियो, खंभे पर ट्यूबलाइट, स्टूल, गैस बत्ती, रोड रोलर, बस, सीटी, प्रेशर कुकर, बल्लेबाज, मटका, गाड़ी, बैटरी टॉर्च, सूरजमुखी, गेहूँ की बाली, सब्जियों की टोकनी, हार, अंगूठी बेंच, गैस सिलेंडर, पीपल का पत्ता, हारमोनियम, हाथ चक्की, डबल रोटी, मेज, ब्रीफकेस, गैसस्टोव, दरवाजा, ब्रुश, बल्ला, वायलिन और बेलन।
नगरीय निकायों के पार्षद के लिए विहित मुक्त निर्वाचन प्रतीक,
केक, कैमरा, गाजर, कोट, टेंट, चारपाई, सिलाई की मशीन, नाव, स्कूटर, जीप, ब्लेक बोर्ड, टेलीफोन, टेलीविजन, कप और प्लेट, बरगद का पेड़, लेटर बॉक्स (पत्र पेटी), अलमारी, हॉकी और गेंद, डीजल पंप, दो तलवार और एक ढाल, डोली, फलों सहित नारियल का पेड़, कैची, बाल्टी, कमीज, फ्रॉक, केतली, लेडी पर्स, भोंपू, सेव और प्रेस।
रतलाम,
21 जून 2022,
जिले में 0 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों में शिशु एवं बाल मृत्यु दर कम करने के लिए दस्तक अभियान अंतर्गत आशा एएनएम आंगनवाडी कार्यकर्ता द्वारा घर-घर भ्रमण कर 18 जुलाई से 31 अगस्त तक स्वास्थ्य एवं परामर्श सेवाऐं प्रदान की जाएंगी। आगामी माह में आयोजित दस्तक अभियान की तैयारियों के संबंध में जिला स्तरीय अंतर्विभागीय कार्यशाला जिला प्रशिक्षण केंद्र विरियाखेडी में संपन्न की गई।कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग रजनीश सिन्हा, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वर्षा कुरील, डीपीएम डॉ. अजहर अली, सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग अंकिता पंडया, डीसीएम कमलेश मुवेल, एम एंड ई अधिकारी आशीष कुमावत, एमईआईओ आशीष चौरसिया, जिले के विभिन्न सीडीपीओ, स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ, बीईई, बीपीएम, बीसीएम एवं अन्य अधिकारी / कर्मचारी आदि उपस्थित रहे। कार्यशाला के दौरान रजनीश सिन्हा ने निर्देशित किया कि विभागीय अधिकारी कर्मचारी समन्वित प्रयास कर कुपोषित बच्चों को आवश्यक संदर्भ सेवाऐं प्रदान करें। मैदानी अमले द्वारा स्तनपान संबंधी परामर्श जैसे शिशु जन्म के पहले घंटे में स्तनपान, शिशु जन्म के छ: माह तक केवल स्तनपान, छ: माह बाद पूरक पोषण आहार प्रदान करने तथा शिशु जन्म के दो वर्ष बाद तक स्तनपान कराने जैसे व्यवहारों को बढावा दिया जाए । जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वर्षा कुरील ने बताया कि दस्तक अभियान के दौरान बाल्यकालीन बीमारियों की पहचान एवं प्रबंधन पर बल दिया जाएगा ताकि बाल मृत्यु दर में कमी लाई जा सके। प्रमुख गतिविधियों के अंतर्गत समुदाय में बीमार नवजातों और बच्चों की पहचान प्रबंधन और रेफरल, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में शैशव और बाल्यकालीन निमोनिया की त्वरित पहचान प्रबंधन और रेफरल, 5 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान प्रबंधन और रेफरल, 6 माह से 5 वर्ष के बच्चों में गंभीर अनीमिया की सक्रिय स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, 9 माह से 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को विटामिन ए अनुपूरण, बाल्यकालीन दस्त रोग की पहचान एवं नियंत्रण हेतु ओआरएस एवं जिंक संबधी सामुदायिक जागरूकता एवं प्रत्येक घर में ओआरएस पहुँचाना, बच्चों में दिखाई देने वाली जन्मजात विकृतियों एवं वृद्वि विलंब की पहचान, समुचित शिशु एवं बाल आहर पूर्ति (स्तनपान व्यवहार) संबंधी समझाईश समुदाय को देना, एसएनसीयू एवं एनआरसी से छुटटी प्राप्त बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग एवं फालोअप को प्रोत्साहन, गृह भेंट के दौरान आंशिक रूप से टीकाकृत एवं छूटे हुए बच्चों की टीकाकरण स्थिति की जानकारी लेना आदि मुख्य हैं।