श्योपुर,
03/09/2022,
रामस्वरूप गुर्जर ब्यूरो चीफ श्योपुर,
श्योपुर जिले की बड़ौदा तहसील में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गया है जो देखने में इस प्रकार है ग्राम गलमान्या के किसान महावीर पुत्र सियाराम मालिक माली ने बड़ौदा तहसील में तरमीम बटांकन का आवेदन दिया था लेकिन बटांकन करने के लिए बाबू राजेश आर्य द्वारा 25000 रुपये की रिश्वत मांगी गई जिसकी शिकायत तहसीलदार से की गई लेकिन तहसीलदार द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई क्योंकि तहसील में तहसीलदार और बाबुओं की मिलीभगत होकर भ्रष्टाचार हो रहा है इसी के चलते किसान महावीर माली ने पैसे मांगे जाने पर उसका निराकरण नही होने पर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भोपाल में शिकायत के लिए विवश होना पड़ा और जब EOW भोपाल में शिकायत की जानकारी का पता चला तो तहसीलदार और बाबू राजेश आर्य द्वारा किसान महावीर माली को डरा धमका कर शिकायत नही करने का शपथ पत्र लिखवा लिया और शिकायत एडवोकेट भोजराज चक्रधारी द्वारा करना बताया गया जिसमें उल्लेख किया कि किसान महावीर माली से छुपके से शिकायत पत्र पर मेरे बिना बताये हस्ताक्षर करवाने का उल्लेख कर वकील पर कार्यवाही करने का आरोप लगवा दिया गया ओर यही नही बाबू आर्य की पदस्थापना निर्वाचन विभाग में की गई थी लेकिन नेतागिरी करवाकर बड़ौदा तहसील में जॉइन कर लिया है ओर बाबू द्वारा पदस्थापना से लेकर वर्तमान तक निर्वाचन से संबंधित कोई भी कार्य नही किया गया है केवल भ्रष्ट अधिकारियों और दलालों के साथ कार्य किया है जिसका खामियाजा आज बड़ौदा तहसील क्षेत्र की जनता भुगतने को विवश हो रही हैं।
एक ओर आज कलेक्ट्रेट कार्यालय में बड़ौदा तहसील के शासकीय सेवको के पटवारी संघ ने बाबू राजेश आर्य की घूसखोरी की शिकायत के संबंध में श्योपुर एसडीएम लोकेंद्र सरल को ज्ञापन दिया गया जिसमें उल्लेख किया गया कि बाबू आर्य नामांतरण/ बटवारे की फाइल में बिना पैसे के कोई काम नही करता है और बोलता है कि तुम मेरे को पैसे नही दोगे तो मैं तुम्हारी कोई सी फ़ाइल में तुमको रिपोर्ट लगाने नही दूंगा ओर धमकी भी देता है कि मेरी सब नेताओ ओर अधिकारियों से साठगांठ है मेरा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता है। तुमसे हो जो तुम कर लेना। इस प्रकार बड़ौदा तहसील में पदस्थ बाबू राजेश आर्य के द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत गैर कानूनी कार्य किया जा रहा है लेकिन सक्षम अधिकारियो द्वारा भी कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। क्या ऐसे घूसखोरी कर्मचारियों पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही की जावेगी इस खबर के प्रकाशित के बाद।