रतलाम,
30 अप्रैल 2022,
रतलाम ग्रामीण अनुविभाग क्षेत्र में कोई भी किसान या व्यक्ति अपने खेतों में फसल कटाई पश्चात खेत की साफ-सफाई के उद्देश्य से नरवाई को आग जलाकर नष्ट नहीं कर सकेगा अन्यथा वह भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध का दोषी माना जाकर उसके खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने बताया कि विगत दिनों नरवाई जलाने से संबंधी कई घटनाएं सेटेलाईट के माध्यम से प्राप्त हुई। शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि हार्वेस्टर के माध्यम से गेहूं की कटाई करने पर उसमें स्ट्रीपर लगाना अनिवार्य होगा। जिन हार्वेस्टरो में अवशेष प्रबन्धन सिस्टम नहीं होगा उन्हें गेहू काटने की अनुमति नहीं दी जावेगी। आदेश का उल्लघन करने वालो के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। पिछले कई वर्षो में कई स्थानो पर नरवाई की आग से अत्यधिक नुकसान हुआ था। नरवाई की आग ने गेहूं की खड़ी पकी फसल के साथ ही कई घरों को भी जलाकर राख कर दिया था। पिछले साल के घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसलिए शासन ने अभी से अहतियातन कदम उठाने शुरू किये गए है। प्रदेश में पिछले कुछ सालों से गेहूं की 80 प्रतिशत कटाई कम्बाईन हार्वेस्टर से की जा रही है। हार्वेस्टर से कटाई करने पर एक फीट उंची गेहूं के डण्ठल खेत में ही रह जाते है जिसे किसान भाई खेती की सफाई के लिये आग लगाकर जला देते है। खेतो में लगाई आग से हर वर्ष काफी नुकसान होता है। शासन द्वारा ऐसे निर्देश दिये गये है कि नरवाई की आग से जनजीवन को नुकसान होने के साथ ही जमीन की उर्वरा शक्ति को भारी नुकसान होता है। भूमि में पल रहे मित्र कीटो को इससे भारी नुकसान होता है। भूमि की भौतिक दशा खराब हो जाती है एवं भूमि की जल धारण क्षमता भी कम हो जाती है। कार्बनडाई आक्साईड की मात्रा ज्यादा बनने से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है। पर्यावरण सुरक्षा के लिये नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश के पालन में प्रदेश में फसलो विशेष कर गेहूं की फसल कटाई उपरांत फसल अवशेषो को खेतो में जलाये जाने को प्रतिबंधित किया गया है।
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रतलाम ग्रामीण अनुविभाग क्षेत्र हो या रतलाम शहर हो साफ-सफाई के उद्देश्य से नरवाई को आग जलाकर नष्ट किया जा रहा, सारे नियमो को ताक पर रखकर नरवाई जलाई जा रही जब ईस संबंध मैं 08/अप्रेल/2022 को भारत 24×7 न्युज़ ने अनुविभाग अधिकारी राजेश शुकला को अवगत करवाने लिए फोन लगाया गाया था लेकिन अनुविभागिय अधिकारी जवाब देना उचित नही समझे, जब अधिकारी ही अपने नियमो का पालन करना उचित नही समझेते है तो फिर जनता उस नियम का पालन कैसे करेगी,
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध का दोषी माना जाकर उसके खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।
ये सब आम लोगो के लिए नियम लागू किया जाता है दबंगो के के उपर कोई कार्यवाही नही होती है आप खुद ही देख लिजिए ये वीडियो,