रतलाम
02/July/2024
देश में दिनांक 01 जुलाई से नवीन अपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू किए गए। देश में न्याय और सुरक्षा की अवधारणा के उद्देश्य से 1 जुलाई से लागू किए गए कानून के अधिनियमों के बारे जनता को जागरूक करने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढा के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा के मार्गदर्शन में जिले से समस्त थानों एवम चौकियों पर जनसंवाद कार्यक्रमों का आयोजन कर जनता को नए कानून के प्रावधानों के बारे जानकारी प्रदान की गई। जावरा अनुभाग के थाना औद्योगिक क्षेत्र जावरा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा सीएसपी जावरा दुर्गेश आर्मो के नेतृत्व में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। रतलाम शहर अनुभाग में सीएसपी रतलाम अभिनव बारंगे के नेतृत्व में शहर के सभी थानों पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। आलोट अनुभाग में एसडीओपी आलोट शाबेरा अंसारी द्वारा जनसंवाद कर लोगो को नए कानून के प्रावधानों के बारे में बताया। रतलाम ग्रामीण अनुभाग में एसडीओपी अभिलाष भलावी, सैलाना अनुभाग में एसडीओपी नीलम बघेल, जावरा ग्रामीण अनुभाग में एसडीओपी शक्तिसिंह चौहान के नेतृत्व में जन जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया अजाक थाना प्रभारी लिलियन मालवीय द्वारा महिला संबंधी अपराधों के प्रावधानों में परिवर्तन के बारे में महिलाओ को जागरूक करने के उद्देश्य से जन संवाद लिया गया। रतलाम जिले में भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के अंतर्गत प्रथम प्रकरण थाना रावटी पर अपराध क्रमांक 351/24 धारा 296, 115(2), 351(3) बीएनएस का दर्ज किया गया। जिले के सभी थानों पर बीएनएस के अंतर्गत पंजीबद्ध प्रकरणों में फरियादियों को नए कानून के प्रावधानों के बारे में बताया तथा नियत समय सीमा में फरियादी को न्याय प्राप्त हो सकेगा। नए कानून के प्रावधानों के तहत अब पूरी पारदर्शिता से मामले दर्ज होगे तथा कई गंभीर अपराध नए कानून के तहत नियंत्रित हो जाएगी। नए कानून से अपराधियों में डर व्याप्त होगा तथा पीड़ितो को समय पर न्याय प्राप्त हो सकेगा। संशोधित कानून से नए सिस्टम के तहत एफआईआर दर्ज होगी। कोई भी फरियादी मोबाइल या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के जरिए सूचना देकर एफआईआर दर्ज करा सकता है। लेकिन फरियादी को तीन दिन के भीतर थाने पहुंच कर एफआईआर पर हस्ताक्षर करना होगा। | देश की न्याय, सुरक्षा और साक्ष्यों के प्रक्रिया के नए कानूनों में किए गए बदलाव में पहले कभी 154 में एफआईआर होती थी लेकिन अब 173 के तहत एफआईआर दर्ज होगी।