सक्त्ती (छ. ग.)
17/05/2023
रवि कुमार खटर्जी ब्यूरो रिपोर्ट
रेत खदानों के लिए मशहूर सक्ती जिले के हसौद तहसील अंतर्गत ग्राम बरेकेल कला, डोटमा, में ठेकेे पर लेकर इन दिनों रेत माफिया धड़ल्ले से रेत खनन का काम कर रहे है। लेकिन ज्यादा से ज्यादा रेत निकालकर फायदा कमाने के चक्कर में ठेकेदार नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। हैरानी की बता तो ये है कि खुलेआम नियमों का उल्लंघन किए जाने के बावजूद प्रशासन का कोई अधिकारी डोटमा रेत घाट सुध लेने तक नहीं पहुंचते। ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि जिला प्रशासन की उदासिनता के चलते ही रेत ठेकेदारों के हौसले बुलंद हैं। वैध रेत उत्खनन अब धीरे-धीरे अवैध रेत उत्खनन की तरफ आगे बढ़ रहा है क्योंकि रेत खोदने के लिए उपयोग आने वाली पोकलैंड मशीन लगी है। और नदी के भीतर जाकर रेत का उत्खनन कर रही है जो नियम विरुद्ध है। साथ ही बिना रॉयल्टी पर्ची के डोटमा रेत खदान से रोजाना सैकड़ों ट्रिप रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है। हैरानी की बात ये है कि प्रशासन की नाक के नीचे यह काम एक दो जगह नहीं बल्कि हसौद थाना क्षेत्रों से निकलने वाली महानदी नदी के लगभग हर घाट पर चल रहा है। आलम यह है कि महानदी पर हसौद और सरसीवां को जोड़ने वाले बरेकेल कला के पुल पर अगर आप खड़े हो जाएं और सिर्फ दाएं और बाएं नजर भर डालें तो आपको रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टरों से बिना रॉयल्टी पर्ची के अवैध परिवहन करते नज़र आयेंगे। ऐसा नहीं है कि प्रशासन को इसकी खबर नहीं है यह सब प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है। रेत खनन व परिवहन के लिए हद पार कर रहे माफिया हसौद थाना क्षेत्र के डोटमा में महानदी किनारे अवैध खनन कर रहे रेत माफिया ने अपनी हद पार कर ली है। रेत माफिया के गुर्गे अब महानदी से पोकलैंड मशीन से रेत निकाल रहे हैं। साथ ही रेत का अवैध करोबार अल सुबह 3 बजे से देर रात तक बिना रॉयल्टी पर्ची के रेत माफिया के गुर्गे ट्रैक्टर व हाईवा डाईवरों से तीन सै से दो हजार तक अवैध उगाही कर रहे है। हसौद थाना क्षेत्र के महानदी में जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ ही खनिज विभाग की टीम कभी नजर नजर आऐगी या नही आएगी..? गुर्गों का बढ़ा मनोबल कहते है अलेक्टर कलेक्टर से कर लेगें बात हसौद थाना क्षेत्र के महानदी किनारे डोटमा में रेत माफिया अपने गुर्गों के जरिए रेत निकलवा रहे हैं, और बिना रॉयल्टी पर्ची के रेत माफिया अवैध कमाई कर रहे है और शासन को करोड़ों रूपय की राजस्व की हानी पहुचां रहे है लेकिन इन रेत माफियांओं पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। वही जब कोई मिडीयाकर्मी रेत परिवहन कर रहे इन ट्रैक्टरों को रोक कर रॉयल्टी पर्ची के बारे में पुछ ले तो ये डोटमा रेत घाट के गुर्गे वहां पहुच कर मिडीयाकर्मीयों से अभद्रता कर अलेक्टर कलेक्टर से कर लेगें बात कहते हुए नजर आते है। आखिर इन रेत माफियांओं के गुर्गे में इतनी हिम्मत कहां से आती है। तो सुत्र बताते है कि इन रेत माफियांओं के गुर्गे के द्वारा क्षेत्र के जिम्मेदारों को बिना रॉयल्टी पर्ची रेत परिवहन कर रहे ट्रैक्टरों एवं हाईवा पर कार्रवाई नही करने 70 हजार से 20 हजार तक महीना कमीशन दिया जाता है। अब यह कहां तक सच है ये तो वही जाने पर एक बात तो समझ आती है जब कार्रवाई करने अधिकारी जाते है तो रेत माफियांओं तक सुचना पहले ही पहुंच जाती है कि आज कार्रवाई होने वाली है। आखिर कैसे,